उमेश पाल मर्डर केस के कुछ संदिग्धों की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम कोलकाता गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा, हम विभिन्न पहलुओं से इस मर्डर की जांच कर रहे हैं। सभी हमलावरों ने घटना को अंजाम देने से पहले योजना बनाई और अभ्यास किया था। सबसे पहले उस्मान को गोली चलाते देखा गया, उसके पास एक देसी बम भी था। इसके अलावा, उसे कवर फायर दिया जा रहा था, जबकि एक अन्य संदिग्ध की पहचान गुड्डू मुस्लिम के रूप में की गई। वह बम फेंक रहा था।
अधिकारी ने कहा, सूचना मिली है कि हमलावर कोलकाता भाग गए हैं
अधिकारी ने यह भी कहा कि, सनसनीखेज हत्या को अंजाम देने के बाद हमलावर ग्रामीण प्रयागराज के सुलेमसराय इलाके में पहुंचे और फिर अलग-अलग हो गए। पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि, उन्हें एक गुप्त सूचना मिली है कि हमलावर कोलकाता भाग गए हैं और स्थानीय माफिया द्वारा उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने पश्चिम बंगाल में एक टीम भेजी है और एक सेवानिवृत्त अधिकारी से मदद मांगी है, जिन्होंने कोलकाता में शरण लेने वाले उत्तर प्रदेश के कई गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। बंगाल पुलिस की एसटीएफ इकाई भी अभियान में हमारी सहायता कर रही है।
अधिकारी ने आगे कहा कि, संदिग्धों को पकड़ने के लिए 17 टीमों का गठन किया गया है। इस बीच, उस्मान के परिवार ने दावा किया है कि उसका असली नाम विजय चौधरी था और उन्होंने उसे कभी उस्मान कहते हुए नहीं सुना था। वहीं इस हत्या के मामले में एलएलबी के छात्र सदाकत खान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और जिला प्रशासन की टीमों ने एमबीएच के सभी 107 कमरों को सील कर दिया है। सदाकत खान एमबीएच के कमरा नंबर 36 में अवैध रूप से रह रहा था।