पेपर लीक मामले में यूपी डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा

यूपी पुलिस के अनुसार, फर्म को उत्तर प्रदेश में प्रश्न पत्रों को गोदामों तक पहुंचाना था, लेकिन सीलबंद बक्सों में से एक के साथ छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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यूपी एसटीएफ (UP STF) ने कांस्टेबल पेपर लीक मामले का खुलासा किया है। पेपर लीक के सोर्सेज की पहचान कर ली गई है। प्रश्नपत्र गुजरात से लाए जाने के दौरान इसे लीक कर दिया गया। ये प्रश्नपत्र अहमदाबाद के वेयरहाउस से उत्तर प्रदेश ले जाए जा रहे थे। यूपी पुलिस के अनुसार, फर्म को उत्तर प्रदेश में प्रश्न पत्रों को गोदामों तक पहुंचाना था, लेकिन सीलबंद बक्सों में से एक के साथ छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब एसटीएफ माफिया के सदस्यों को गिरफ्तार करने में जुटी है। परिवहन कंपनी टीसीआई के 3 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों संदिग्ध धोखाधड़ी करने वाले माफिया से मिले हुए थे।

यूपी पुलिस के मुताबिक, पश्नपत्र की छपाई का जिम्मा अहमदाबाद स्थित फर्म को सौंपा गया था। पेपर लीक अहमदाबाद वेयर हाउस ऑफ ट्रांसपोर्टेशन कंपनी का मुख्यालय गुड़गांव में है। यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) और एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश (Amitabh Yash) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के बाद पेपर रद्द कर दिए गए थे। अबतक कुल 178 मामले दर्ज किए गए। इनमें 396 की गिरफ्तारी पहले ही कर दी गई थी। यूपी एसटीएफ ने 54 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं 3 मुख्य आरोपियों में शामिल अभिषेक कुमार, शिवम गिरी और रोहित कुमार पांडेय को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है।

यूपी डीजीपी ने कहा कि गिरफ्तार अभिषेक शुक्ला (Abhishek Shukla) टीसीआई नाम की एजेंसी का पूर्व कर्मचारी है। शिवम गिरी और रोहित पांडेय टीसीआई के वर्तमान कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि टीसीआई के पास पेपर के स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की ज़िम्मेदारी थी। इसके अलावा बिहार का रहने वाला डॉ शुभम मंडल फिलहाल हिरासत में है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि नोएडा का रवि अत्रि और प्रयागराज का राजीव नयन मिश्रा पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल फ़रार हैं। राजीव नयन मिश्रा यूपी टेट परीक्षा और एमपी की परीक्षा में भी आरोपी है, वह पहले भी जेल जा चुका है। रवि अत्रि मध्य प्रदेश की संविदा परीक्षा में आरोपी है, वह हरियाणा में भी वांछित है।

यूपी डीजीपी के मुताबिक, आरोपी रवि अत्रि ने अभिषेक शुक्ला को बताया कि जैसे ही पेपर वेयरहाउस में पहुंचें, इसकी जानकारी उसे दे दी जाए। अभिषेक शुक्ला ने बिल्किल उसके कहे मुताबिक पेपर आने की जानकारी उसे दे दी। ट्रंक बॉक्स की फ़ोटो भी भेजी गई। डॉ शुभम मंडल ने ट्रंक बॉक्स खोलकर पेपर लेकर फ़ोटो खींचा और वापस ट्रंक बॉक्स को रख दिया। 8 फरवरी को वेयरहाउस से भी पेपर निकाले गए। विक्रम पहल, मोनू ढाकला, गौरव चौधरी, सतीश धनगढ़, नीटू और धीरज जैसे अन्य लोगों को पेपर भेजे गए। यूपी पुलिस का कहना है कि मास्टरमाइंड ने पेपर जहां-जहां भफेजे हैं। उसकी जांच हो रही है। यूपी के डीजीपी ने कहा कि आरओ/एआरओ परीक्षा के मामले में अरुण कुमार और सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है, ये पेपर सेंटर से लीक कराए गए थे।

यूपी एसटीएफ ने कांस्टेबल पेपर लीक मामले का खुलासा किया है। पेपर लीक के सोर्सेज की पहचान कर ली गई है। प्रश्नपत्र गुजरात से लाए जाने के दौरान इसे लीक कर दिया गया। ये प्रश्नपत्र अहमदाबाद के वेयरहाउस से उत्तर प्रदेश ले जाए जा रहे थे। यूपी पुलिस के मुताबिक फर्म को उत्तर प्रदेश में प्रश्न पत्रों को गोदामों तक पहुंचाना था, लेकिन सीलबंद बक्सों में से एक के साथ छेड़छाड़ की गयी। पुलिस ने मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब एसटीएफ माफिया के सदस्यों को गिरफ्तार करने में जुटी है। परिवहन कंपनी टीसीआई के 3 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों संदिग्ध धोखाधड़ी करने वाले माफिया से मिले हुए थे।