उत्तर प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को निकाय चुनाव को लेकर सुनवाई होनी है। आयोग ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप चुका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद निकाय चुनाव की स्थिति साफ होगी। राज्य सरकार द्वारा पैरवी के लिए नगर विकास विभाग के अधिकारियों को दिल्ली भेज दिया जा चुका है।
अधिकतम 27% आरक्षण
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है। इसमें पिछड़े वर्ग को अधिकतम 27% आरक्षण देने के बारे में पूरी रिपोर्ट है। सुप्रीम कोर्ट को निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष की सीटों पर OBC की आरक्षण की स्थिति साफ करते हुए सुनवाई करनी है। इस सुनवाई में नगर विकास विभाग की ओर से चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी। अनुमति मिलने के साथ ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले 24 मार्च की सुप्रीम कोर्ट की तारीख थी।
760 नगर निकायों पर चुनाव
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही उत्तर प्रदेश मे स्थानीय निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो पाएगा। दूसरी ओर राज्य में निकाय चुनाव को लेकर वार्डों के वोटरों की लिस्ट तैयार कर निर्वाचन को भेज दी गई है। उत्तर प्रदेश में 760 नगर निकायों पर होने वाले चुनावो में मेयर, नगर पालिका- नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद की सीटे शामिल है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते साल निकाय चुनाव को टालते हुए फैसला सुनाया था। जिसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जानकारी के मुताबिक सभी राजनीतिक पार्टियां हाईकोर्ट के फैसले से खुश नहीं थी।