उमेश पाल हत्याकांड: अतीक के बेटे अली का दो शूटरों के साथ पुराना वीडियो वायरल

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Ali Ahmed

उमेश पाल हत्याकांड: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हत्याकांड (Umesh pal murder case) में फिर एक बार नया मोड आया है। जहाँ रविवार को सोशल मीडिया पर अतीक के बेटे अली का फरार दो शूटरो के साथ एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें अली अहमद को चुनाव के दौरान प्रचार के लिए समर्थकों के साथ गलियों में घूमता देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अली के साथ मौजूद लोगों में उमेश हत्याकांड (Umesh pal murder case) में शामिल दो शूटर साबिर और गुड्डू मुस्लिम भी हैं। जिसमे गुड्डू ने बम और साबिर ने राइफल से हमला किया था। इस वक़्त अली नैनी जेल में बंद है। सोशल मीडियल पर वायरल इस वीडियो की मदद से पुलिस यह पता लगा रही है कि अली के साथ और कौन कौन हैं। जिससे पुलिस को फरार शूटरो को पकड़ने में कुछ मदद मिल सके।

जगह-जगह छापामारी

प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड (Umesh pal murder case) को अंजाम देने वाले फरार शूटरों की तलाश में पुलिस की जगह-जगह छापामारी कर है। इसी सन्दर्भ में शनिवार देर रात को भी पुलिस ने प्रयागराज के पूरामुफ्ती, करेली, कसारी मसारी और चकिया इलाके में छापामारी की। हालांकि इस दौरान कुछ भी हाथ नहीं लगा लेकिन दर रात तक कार्यवाही चलती रही।

जानकारी देना पर पांच-पांच लाख का इनाम

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार हुए पांच अभियुक्त में अतीक का बेटे असद और उसके साथी साबिर, अरबाज, गुलाम और गुड्डू मुस्लिम का नाम है। इन सभी पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम भी रखा गया है। जानकारी के मुताबिक इन सभी फरार शूटरो को हत्याकांड के बाद अपने शहर में पन्हा मिली थी।

संदिग्धों की तलाश जारी

उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस इस बात से लगातार इनकार नहीं कर रही है कि शूटर किसी के घर में छिपे हो सकते हैं। इसलिए पुलिस हर जगह छानबीन कर रही है। कॉल डिटेल की मदद से पुलिस एक-एक संदिग्ध की तलाश कर रही है। आधा दर्जन से अधिक लोग पकड़े गए थे। जिनको पुलिस ने रविवार को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।

डिब्बे में पहुंचाया मोबाइल

राज मिश्र को जेल प्रशासन ने घी के डिब्बे में मोबाइल ले जाते हुए पकड़ा था। जिसपर उसने बयान दिया था कि अधिवक्ता कृष्ण कमार के इशारे पर वह जेल में सामान पहुंचाने जा रहा था। वही नैनी जेल में मोबाइल पहुंचाने के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे अधिवक्ता की संलिप्तता की जांच चल रही है। चार दिन बाद भी अधिवक्ता सामने नहीं आया है। जबकि अधिवक्ता कृष्ण कुमार को पुलिस ने बयान देने के लिया बुलाया था।