Prayagraj: उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) में माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत तीन आरोपी फरार चल रहे है। कमिश्नरेट पुलिस की रिपोर्ट पर इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इस कार्रवाई के बाद अब तीनों आरोपियों के देश छोड़कर जाने पर रोक लग गई है।
पुलिस ने भेजी रिपोर्ट
सूत्रों का कहना है कि इस बात की भी आशंका थी कि पुलिस से बचने के लिए तीनों देश छोड़कर बाहर जा सकते हैं। यही वजह है कि उनके खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कराया है। पुलिस की ओर से इस संबंध में रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
नहीं मिला सुराग
माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) के तीन दिन बाद से फरार चल रही है। उस पर हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा गुड्डू मुस्लिम व साबिर हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों में शामिल हैं। पुलिस और एसटीएफ लगातार इनकी तलाश में जुटी है। इसके बावजूद अब तक इनका सुराग नहीं मिल सका है। गुड्डू व साबिर पर 5-5 लाख जबकि शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम भी घोषित है।
नोटिस की वैधता एक साल
तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी होने की सूचना गृह मंत्रालय के माध्यम से सभी एयरपोर्ट, बंदरगाह व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात अधिकारियों को भेज दी गई है। सूत्रों ने बताया कि लुकआउट नोटिस की वैधता एक साल तक है। यानी तीनों फरार आरोपियों के एक साल तक देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। जरूरत पड़ने पर कमिश्नरेट पुलिस इस अवधि को बढ़वाने के लिए भी रिपोर्ट भेज सकती है।
एजेंसी को दी जाती है सूचना
लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर भी कहा जाता है। यह जिसके खिलाफ जारी होता है, उस व्यक्ति को देश छोड़कर जाने की इजाजत नहीं होती। यही वजह है कि एयरपोर्ट, बंदरगाहों व अन्य सीमाओं पर लगे आव्रजन अधिकारियों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में अगर वह व्यक्ति उपरोक्त स्थानों पर पहुंचता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाता है और फिर इसकी सूचना उस एजेंसी को दी जाती है जिसकी ओर से लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।