प्रयागराज (Prayagraj) जिले में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद लोगों ने बेहतर कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया था, लेकिन दिन दहाड़े उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) होने से प्रयागराज जिले में लागू कमिश्नर प्रणाली हवा हवाई साबित हो गई है। अपराध पर कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार द्वारा कुछ महीने पहले प्रयागराज जिले में कमिश्नर प्रणाली लागू किया गया था। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बावजूद कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। इस बात का अंदाजा उमेश पाल हत्याकांड से लगाया जा सकता है। प्रयागराज जिले में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है दिन दहाड़े हुई उमेश पाल हत्याकांड ने खोलकर रख दी है।
हमलावर मौत का तांडव करते रहे लेकिन पुलिस को भनक तक ना लगी
उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद लोग कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। धूमनगंज थाना से पांच सौ मीटर की दूरी पर दिन दहाड़े बीच सड़क पर हमलावर मौत का तांडव करते रहे लेकिन धूमनगंज थाना पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी आखिर ऐसा क्यों? दिन दहाड़े बीच सड़क पर उमेश पाल व उनके गनर के ऊपर हमलावर गोली और बम की बौछार कर रहे थे। तब धूमनगंज थाना पुलिस किस कार्य में व्यस्त थी। जिसके कारण धूमन गंज थाना पुलिस को वारदात की भनक तक नहीं लगी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद कमिश्नर प्रणाली और धूमन गंज थाना पुलिस के प्रति लोगों के जहन में कई सवाल पैदा हो रहे हैं।
हमलावर घटना को अंजाम देकर फरार हो गए
प्रयागराज में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बावजूद थाना पुलिस बेलगाम है और अपराधी मस्त। हमलावर दिन दहाड़े घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए प्रयागराज पुलिस हमलावरों का बाल भी बांका नहीं कर सकी। प्रयागराज पुलिस हवा में लकीरें पीट रही है लेकिन कई घंटा बीत जाने के बाद भी उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक भी हमलावर पुलिस के हांथ नही आए। जिसके माध्यम से पुलिस असली कातिल तक पहुंच सके। प्रयागराज पुलिस सीमा सील कर हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है।