उमेश पाल हत्याकांड: यूपी 70 की करीब 500 गाड़ियां रडार पर

एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि बरेली से निकलने वाले तीन टोल पर यूपी-70 नंबर की तकरीबन 500 गाड़ियों को देखा गया है, इनके मालिकों से संपर्क किया जा रहा है।

0
100

umesh pal murder case: प्रयागराज (Prayagraj) उमेश पाल हत्याकांड (umesh pal murder case) के खुलासे के लिये बरेली पुलिस ने तीन टोल्स से तकरीबन बीस हजार गाड़ियों का डाटा लिया है। इसमें से प्रयागराज के नंबर (यूपी 70) की करीब 500 गाड़ियां रडार पर है। अब उनके मालिकों तक पहुंच कर कातिलों तक पहुंचने की कोशिश की जायेगी। बरेली में एसपी सिटी के नेतृत्व में बनी एसआईटी सभी तरीके के प्रयोग कर रही है।

सीसी टीवी फुटेज से होगी पहचान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुए उमेश पाल हत्याकांड (umesh pal murder case) का बरेली कनेक्शन सामने आने के बाद अब उन लोगों पर नजर है, जो दो-तीन महीने में बरेली आये थे। इसके लिए बरेली आई गाड़ियों की पहचान की जा रही है। तीन टोल- सीतापुर टोल, रामपुर रोड टोल और नैनीताल रोड टोल के सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए है। माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ और इन कार मालिकों के बीच क्या संबंध था? अगर किसी प्रकार का कोई लिंक मिलता है तो उसको डेवलॅप करके कार्रवाई की जायेगी।

सुराग मिला तो होगी कार्यवाही

उन्होंने आगे बताया कि अगर लिंक मिलता है तो गाड़ियों के नंबर पर भी काम किया जाएगा और किस-किस तारीख में ये सभी बरेली में आए थे, कहां-कहां रुके थे… इनकी लोकेशन से कंफर्म किया जाएगा, जो संलिप्त जेल कर्मी, वांछित अभियुक्त और जेल के मुलाकाती हैं, उन सभी के खाते खंगाले जा रहे है, अगर सुराग मिलता है तो कार्रवाई होगी।

लल्ला गद्दी के सवाल पर एसपी सिटी राहुल भाटी ने कहा कि उसको गिरफ्तार करने के लिए हमारी टीमें लगी हुई है और जानकारी मिली है कि उसने कोर्ट में सरेंडर एप्लिकेशन दाखिल की है जो भी हमारी तरफ से विधिक कार्यवाही की जाएगी.

जेल से रची शाजिश

बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड (umesh pal murder case) की पड़ताल में सामने आये तथ्यों से पता चला है कि इस मर्डर का फरमान साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद ने जारी किया था। जिसके बाद बरेली जेल में बंद अशरफ द्वारा मर्डर की पूरी प्लानिंग की गयी थी और जिसके अंत में अंजाम अतीक के बेटे असद और शूटर्स की टीम ने दिया।

जेल से रची शाजिश की वजह से पुलिस की नजर अब उन पर है, जो बरेली जेल में बंद अशरफ से मिलने आये थे। बरेली पुलिस की एक बड़ी टीम अशरफ के मददगारों को तलाश रही है। जेल में उसकी मदद करने वाले जेल कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। अब नजर जेल के बाहर मौजूद रहे मददगारों पर है. जिनकी तलाश के लिए बरेली पुलिस की एसआईटी लगातार छापेमारी कर रही है।