तुनिशा शर्मा के 21वें जन्मदिन पर उनकी माँ ने मीडिया से अपना दर्द बयां किया। साथ ही बेटी के बारे में बताई कुछ अनकही बातें। तुनिशा शर्मा के 21वें जन्मदिन पर उनकी माँ से हुई बातचीत के कुछ अंश:-
“लोग दावा कर रहे हैं कि मेरी बेटी प्रेग्नेंट थी।अपने पीछे कई सारी प्रॉपर्टी छोड़ कर गई है। हर सुबह मुझे एक नई खबर सुनने को मिलती है। लोग दिलचस्पी से खबरें पढ़कर राय बनाते हैं। हर दिन मुझे याद दिलाया जाता है कि मेरी बेटी अब हमारे बीच नहीं है। मैं अब अपनी बेटी के बारे में कोई भी निगेटिव बाते नहीं करना चाहती। उनका आज जन्मदिन है। उनके 21वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में, मैं उनके कुछ किस्से आपके साथ साझा करना चाहती हूं। हो सकता है कि वे शायद सुर्खियां न बटोरे लेकिन फैंस इससे जान पाएंगे, कि असल में मेरी बेटी तुनिशा कैसी लड़की थी।”
उसके बिना ही सही लेकिन केक जरूर काटूंगी
बर्थडे पर क्या बोलूं मैं.. इस बार मुझे उसे सरप्राइज पार्टी देनी थी। मेरी बेटी इस साल 21 साल की होती। मैंने सोचा था कि एक थीम केक रेडी कर लेकर जाऊंगी, वहां उसके फ्रेंड्स को बुलवाऊंगी। मैंने इस महीने के शुरूआत से ही उसके बर्थडे सरप्राइज की प्लानिंग शुरू कर दी थी। बहुत ज्यादा ग्रैंड नहीं करना था। मेरी इकलौती बेटी है, मुझे तो उसका बर्थडे सेलिब्रेट करना ही है। लेकिन अब खैर, बर्थडे को लेकर उसका एक्साइटमेंट हमेशा बना रहता था। इस बार भी मैं चंडीगढ़ में केक काटूंगी और उसके बिना उसका जन्मदिन मनाऊंगी। उसकी बेस्ट फ्रेंड रितिका से ही केक बनवाऊंगी।
अब आगे का सफर कैसे देखती हैं? मैंने कुछ सोचा ही नहीं है। कैसे क्या होगा। मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। पहली बात तो यह कि मुझे अब तक यकीन नहीं है कि मेरी बेटी है ही नही। मुझे अब भी लगता है कि शायद अब आएगी और मम्मा पुकारेगी.. नहीं पता कैसे कटेगी जिंदगी… शायद… कटे नहीं.. या कट भी जाए… मुंबई में मैं केवल तुनिशा के लिए थी। अब वो नहीं है, तो ये शहर भी मेरे लिए नहीं है। मैं चंडीगढ़ शिफ्ट हो रही हूं। वहां तुनिशा के नानाजी के साथ रहूंगी।
2011 में तुनिशा ने पापा को खोया था
मेरे पति की डेथ 2011 में हुई थी। उन्हें लीवर सिरॉसिस हो गया था। उस वक्त तुनिशा 9 साल की थी। तुनिशा मुझसे ज्यादा अपने पापा के करीब थी। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता था, जब उसके पापा आए और उनके साथ न सोई हो। उसे नींद में भी पापा चाहिए थे। उसको पापा के बिना नींद नहीं आती थी। उनके जाने के बाद गुमसुम सी हो गई थी। 2014 में तो फिर हम मुंबई आ गई थे। फिर, वो दिन प्रति दिन बिजी होती गई।
पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग में होती थी सिर्फ तारीफ
बचपन से ही तुनिशा एक एक्सेप्शनल चाइल्ड रही है। उसका मैथ्स गजब का था। उसकी एक क्वालिटी यही थी कि वो एक बार चीजों को समझ ले, तो उसे भूलती नहीं थी। इसके अलावा वो डांस, सिंगिंग में बहुत बेहतरीन थी। हमने किसी चीज के लिए उसे ट्रेनिंग नहीं दी थी। मेरी बच्ची का एक्टिंग स्किल गॉड गिफ्टेड था। हमारे परिवार से दूर-दूर तक कोई भी एक्टिंग से नहीं जुड़ा था। वो एकमात्र ऐसी लड़की है, जिसने इस इंडस्ट्री में आकर काम किया। चंडीगढ़ में जब भी तुनिशा के स्कूल से पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होती थी, तो हर टीचर तुनिशा के गालों पर किस करते हुए कहते थे कि आप मम्मी को स्कूल क्यों लाते हो। आपकी तो कोई कंपलेन होती ही नहीं है। ये सिलसिला सेट पर भी चलता रहा, काम को लेकर मुझे कभी कंपलेन सुनने को मिली ही नहीं।
ऐसे हुई एक्टिंग में एंट्री
सभी को पता है कि तुनिशा को पहला ब्रेक फितूर में मिला था। लेकिन तुनिशा इससे पहले भी चंडीगढ़ में हमारे चीफ मिनिस्टर रहे प्रकाश सिंह बादल के लिए एक कमर्शल शूट किया था। वहां तुनिशा को जिस कोरियोग्राफर ने स्टेप सिखाया था, उस वक्त आकर उन्होंने मुझसे कहा कि आपकी बेटी बहुत ज्यादा टैलेंटेड है। उस पर ध्यान दो, वो आगे बढ़ सकती है, मुंबई लेकर जाओ। एक्टिंग से तो हर कोई वाकिफ है लेकिन सिंगिंग में भी वो कमाल की थी। अभी उसके दो गाने जस्सी गिल के साथ रिकॉर्ड होने थे। दिसंबर के लास्ट हफ्ते में ही उसे दोनों ही गाने शूट भी करने थे। इसके अलावा मेरी बेटी ने डांसिंग, पेंटिंग, गिटार सबकुछ यू-ट्यूब से देख-देखकर सीखा है। वो बहुत ही पॉलिश्ड चाइल्ड थी। देखो पॉलिश होकर आई थी और ठीक वैसे ही इस दुनिया से चली भी गई।
पहली फिल्म सलमान के साथ हुई थी ऑफर
सच कहूं, मैं मुंबई में दो लोगों को ही जानती थी। एक फैमिली फ्रेंड सलूजा जी, जो इंडस्ट्री से ही हैं और दूसरा पवन। जिसे मैं अपना मुंह बोला भाई मानती हूं। सलूजा जी ने कहा कि तुनिशा का पहले पोर्टफोलियो बनाओ। मैंने बच्चों वाला पोर्टफोलियो बनाकर मुंबई के बहुत से प्रोडक्शन हाउस में भेज दिया था। इसी बीच साजिद नाडियाडवाला के ऑफिस भी उसे भेजा था। वहां पर वो सलमान खान की एक फिल्म के लिए लॉक भी हो गई थी, जिसमें बच्चे के बाल नहीं होते है। मैंने उस फिल्म को इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि मैं तुनिशा के बाल नहीं कटवाना चाहती थी। मैं ये सब डिसकशन चंडीगढ़ में रहते हुए कर रही थी।
दो दिन के लिए मुंबई आई थी, सालभर जा ही नहीं पाई
इसी बीच सलूजा जी ने मुझसे कहा कि भले एक हफ्ते के लिए ही सही लेकिन आप मुंबई आओ। यहां आकर तुनिशा के ऑडिशन करवाओ। मैं सच कहूं दो दिन के लिए मुंबई आई थी। लेकिन एक साल तक मैं वापस चंडीगढ़ जा ही नहीं पाई। तुनिशा सोनी चैनल के लिए लॉक हो गई थी। जहां महाराणा प्रताप में चांद कंवर का रोल किया था। इसी दस से बीस दिनों के बाद वो फितूर के लिए लॉक हो गई थी। बैक टू बैक उसे प्रोजेक्ट मिलते रहे। दो दिन के प्लान पर आई थी और सालभर तक मुझे रूकना पड़ा। पहले मैं पवन के घर पर रही कुछ हफ्ते के बाद मुझे रेंट पर घर लेना पड़ा। क्योंकि इसका शूट स्टार्ट हो चुका था, डेलीसोप था। इस दौरान फितूर के लिए हम श्रीनगर में दो महीने रहे। फितूर चल ही रहा था कि उसे अशोका के सीरियल वालों ने लॉक कर लिया। जिसमें वो अंहकारा के किरदार में थी। फितूर खत्म हुआ ही था कि बार-बार देखो, फिल्म का ऑफर आ चुका था। कास्टिंग डायरेक्टर्स उसे कटरीना का यंगर वर्जन कहने लगे थे। फिर इंटरनेट वाला लव, राजा रंजीत सिंह, कहानी 2 के लिए चुन ली गई। मेरी बेटी कभी एक्टिंग से बोर हुई ही नही। वो बच्ची थी, शूटिंग को लेकर उत्साहित रहती थी। हालांकि आखिरी शो को लेकर यही सोचती हूं कि इसने इसे साइन क्यों किया.. अगर नहीं करती, तो शायद मेरी बेटी बच जाती।
चिकन, मैगी और पास्ता था पसंद
मेरी बेटी खाने की बहुत शौकीन थी। चिकन के बगैर तो उसका दिन नहीं गुजरता था। इसके अलावा मैगी और पास्ता उसका फेवरेट फूड था। हमेशा मुझसे फरमाइश करती कि मम्मा चिल्ली चिकन, लेमन चिकन बना दो।
‘नॉडी’ की मां थी वो
तुनिशा ने दो महीने पहले ही मुझसे फोन पर कहा कि मम्मा मैं आपके लिए एक स्पेशल सरप्राइज लेकर आ रही हूं। दरवाजा खोलकर देखती हूं, तो हाथ में बकेट लिए खड़ी है, जिसमें एक छोटा सा पपी है. उसका नाम उसने नॉडी रखा था। बिलकुल नॉडी की मां बन गई थी। डॉगी को भी तुनिशा के आने का समय पता चल जाता था, वो भी दरवाजे के पास बैठकर इंतजार करता था। मुझे जानवरों को घर में रखना नहीं पसंद था। मैं पहले गुस्सा हुई लेकिन धीरे-धीरे मुझे भी नॉडी अच्छा लगने लगा। एक बार नॉडी संग तस्वीर खिंचवा कर मैंने तुनिशा को भेजा, उसका वॉइस नोट आज भी पड़ा है। कहती है, मम्मा मैं बता नहीं सकती हूं कि आप कितने स्वीट हो.. मेरे लिए क्या-क्या कर जाते हो.. घर आकर आपको बहुत प्यार करूंगी… खैर… वो चली गई.. अपने पीछे नॉडी छोड़ गई… अब इसे मैं जान से भी ज्यादा संभाल कर रखूंगी। नॉडी को मैं अपने साथ चंडीगढ़ लेकर जा रही हूं।
लैपटॉप से लेकर गाड़ी तक है EMI पर
मैं तुनिशा की फ्रेंड की तरह थी। पापा के जाने के बाद मैंने उसे कोई कमी नहीं महसूस होने दी। मुझसे वो अगर कह दे कि मां मुझे ये चाहिए, तो कैसे भी कर मैं उसकी ख्वाहिश पूरा करती थी। उसे शॉपिंग का शौक नहीं था। लेकिन उसे महंगी चीजों का बड़ा शौक है। उसे जो भी लेना है, बड़े ब्रांड का ही खरीदना है। 18वें बर्थडे पर डायमंड की रिंग की फरमाइश की थी। मम्मा लैपटॉप दिला दो, आईपैड होना चाहिए.. आईफोन चाहिए.. मुझे बड़ी कार लेनी है। उसे बोला था मैंने कि बेटा अभी छोटी गाड़ी खरीद लो लेकिन नहीं.. वो जिद्द पर थी। अभी भी कहती थी कि मम्मा मुझे चार चुड़ियों(ऑडी) वाली गाड़ी लेनी है। मैंने एक खबर पढ़ी थी कि तुनिशा ने घर और कार के रूप में प्रॉपर्टी छोड़ी है। असल में अगले साल मैं और तुनिशा घर लेने का प्लान कर रहे थे। हम तो मीरा रोड में इस घर में किराए पर रहते है। लैपटॉप से लेकर गाड़ी तक उसके EMI पर है।
मैं बचपन से तुनिशा के साथ सेट पर साये की तरह रही थी। अभी 18 साल के बाद मैंने उसे सेट पर अकेला छोड़ना शुरू किया था। उसके साथ एक बॉय रख दिया था। मैं चाहती थी कि वो इंडीपेंडेट हो जाए, कल को मुझे कुछ हो जाता है, तो अपनी चीजों को मैनेज करना सीख पाए। मेरी बेटी बहुत ही मासूम थी।