शास्त्रों में जितना महत्व तुलसी का है, उतनी ही महत्वपूर्ण तुलसी की लकड़ी से बनी माला है। तुलसी की माला पहनने से बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहता है। मानसिक कष्टों से छुटकारा पाने के लिए ये बहुत लाभकारी मानी गई है। इसे गले में धारण करने पर मन नियंत्रण में रहता है। जिस तरह तुलसी का पौधा घर में होने से नकारात्मकता ऊर्जा का नाश होता है उसी प्रकार तुलसी की माला साधक की संकटों में रक्षा करती है। इससे न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिलता है।
कृष्ण भक्त क्यों धारण करते है तुलसी माला ?
तुलसी की माला को लेकर मान्यता है कि जो इसे पहनता हैं उन्हें नरक की यातना नहीं झेलनी पड़ती है। साथ ही तुलसी की माला धारण करने वालों को स्वर्ग में स्थान मिलता है। इसके अलावा जन्म-मरण के चक्कर से मुक्ति मिलती है। कहते हैं कि तुलसी की माला पहनकर स्नान करने से सभी तीर्थों का फल मिलता है। यही कारण है कि जो लोग भगवान कृष्ण के भक्त होते हैं वे तुलसी कंठी माला धारण करते हैं।
तुलसी माला धारण करने के लाभ
कहा जाता है कि तुलसी का पौधा घर में रखने से कई बीमारियों से राहत मिलती है। इसलिए इसे आयुर्वेदिक औषधि का नाम दिया गया है। इसमें एक विशेष प्रकार की विद्युत शक्ति होती है, जो पहनने वाले को आकर्षित करती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि अगर तुलसी की माला पहनकर भोजन किया जाए तो उस व्यक्ति को कई यज्ञ करने का पुण्य मिलता है, इसीलिए बड़े-बुजुर्ग इसे अपने गले में पहनते हैं।
मान्यता है कि इसे धारण करने से यश, कीर्ति और समृद्धि में वृद्धि होती है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे धारण करने वाले को सिरदर्द, सर्दी, बुखार, त्वचा संबंधी रोग नहीं होते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
- लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जो भी व्यक्ति तुलसी की माला धारण करता है उसे मांस-मदिरा से भी दूर रहना चाहिए नहीं तो इससे व्यक्ति को पाप लगता है।
- इतना ही नहीं हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि इसे धारण करने वाले व्यक्ति को अकाल मृत्यु या कोई हानिकारक रोग नहीं होता है।
- शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जो लोग कृष्ण के भक्त हैं, उन्हें अपने गुरु से दीक्षा मिलती है, वे तीन घेरे वाली तुलसी की माला पहन सकते हैं और जो लोग दीक्षित नहीं हैं, वे दो घेरे वाली तुलसी की माला पहन सकते हैं।
- इस तुलसी माला का भगवान कृष्ण के भक्तों में विशेष महत्व है, इसे कोई भी धारण कर सकता है। तुलसी माला मन, शरीर और आत्मा को सभी अशुद्ध कर्मों और विचारों से मुक्त करने में प्रमुख भूमिका निभाती है।
- यह तुलसी माला राधा शब्द के पवित्र मोती पर हाथ से बनाई गई है।