TikTok ने ByteDance के वजह से अमेरिका पर दायर किया मुकदमा, जाने पूरा मामला

कंपनी ने एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि कानून अमेरिकी संविधान का उल्लंघन कर रहा है। बता दें कि राष्ट्रपति बिडेन ने अप्रैल में कानून पर हस्ताक्षर किया था,जिसमें बाइटडांस को टिकटॉक को बेचने या प्रतिबंध लगाने के लिए जनवरी 2025 तक का समय दिया।आइये इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

0
19

टिकटॉक लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। अब टिकटॉक और उसकी मूल कंपनी चीनी कंपनी बाइटडांस हाल के अमेरिकी कानून (लॉसूट) के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस मुकदमे में कंपनी को लोकप्रिय वीडियो ऐप को बेचने या इसे पूरी तरह से बंद करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। TikTok की मेन कंपनी बाइटडांस ने अमेरिका के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इसका कारण ये है कि अमेरिकी कानून ने इस फेमस ऐप को पूरी तरह से बंद करने के विचार में है। कंपनी का कहना है कि अमेरिकी कानून अनावश्यक इल्जाम लगा रहा है और अटकलों के आधार पर ऐप पर कार्रवाई की जा रही है। कंपनी ने एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि कानून अमेरिकी संविधान का उल्लंघन कर रहा है। बता दें कि राष्ट्रपति बिडेन ने अप्रैल में कानून पर हस्ताक्षर किया था,जिसमें बाइटडांस को टिकटॉक को बेचने या प्रतिबंध लगाने के लिए जनवरी 2025 तक का समय दिया।आइये इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

2020 में भी हुई थी समस्या

  • इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे का हवाला देते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वाणिज्य विभाग ने 2020 में भी ऐप को ऐप स्टोर से हटाने की मांग की थी।
  • इसके साथ ही अमेरिकियों और टिकटॉक की चीनी मूल कंपनी, बाइटडांस के बीच लेनदेन को गैरकानूनी घोषित करने का प्रयास किया था। हालांकि, अमेरिकी अदालत में यह प्रयास विफल रहा।

सिक्योरिटी समस्या को लेकर टिकटॉक पर आरोप

  • आपको बता दें कि बाइटडांस पर आरोप लगाया गया है कि वे चीनी सरकार के साथ यूजर्स का डेटा शेयर करती है। हालांकि कंपनी ने अपने दर्ज मुकदमे में बताया कि ये कानून अनावश्यक है और अटकलों पर आधारित है।
  • उन्होंने कहा कि वे चीनी सरकार के साथ यूजर डेटा साझा करने की किसी भी संभावना से इनकार करते हैं और अमेरिकी सांसदों पर पागल होने का आरोप लगाते हैं।
  • मुकदमा उन लाखों अमेरिकियों पर प्रभाव को उजागर करता है जो मंच का उपयोग करते हैं। उनका तर्क है कि जबरन ऐप को बेचना या शटडाउन इन यूजर्स पर रोक लगा देगा।

क्यों लग रहा है प्रतिबंध

  • अमेरिकी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों को लेकर चिंतित है। ऐसे में सरकार यूजर के डेटा को लेकर चिंता है और नहीं चाहती कि चीनी सरकार इसको एक्सेस कर सके।
  • ये विवाद लंबे समय से चला जा रहा है। दोनों देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए एक-दूसरे के प्लेटफार्मों तक पहुंच को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की है।
  • आपको बता दें कि चीनी सुरक्षा चिंताओं के कारण अप्रैल में एपल को अपने चीन ऐप स्टोर से वॉट्सऐप और थ्रेड्स को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।