ऑपरेशन त्रिशूल के जरिये विदेशो में छुपकर बैठे हुए, बड़े अपराधियों को ढूंढने में मिल रही सहायता

ऑपरेशन त्रिशूल के द्वारा सीबीआई ने अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों में शामिल 33 लोगों को दूसरे देशों से प्रत्यर्पित किया है, जो भागकर विदेशों में छुप बैठे है।

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Operation Trishul

इंडिया में बड़े और संगीन अपराध को अंजाम देकर जो मोस्ट वांटेड अपराधी विदेशों में जाकर छुपे हुए है। उनके लिए सीबीआई का ऑपरेशन त्रिशूल खतरा बन रहा है। ऑपरेशन त्रिशूल के द्वारा सीबीआई ने अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों में शामिल 33 लोगों को दूसरे देशों से प्रत्यर्पित किया है, जो भागकर विदेशों में छुप बैठे है। इंटरपोल के अनुसार, भारतीय एजेंसियां ​​वैश्विक स्तर पर 276 भगोड़ों की तलाश कर रही हैं।

ऑपरेशन त्रिशूल (Operation Trishul) की वजह से एक के बाद भगोड़े अपराधियों को इंडिया वापस लाने में खासी सहायता मिल रही है। सीबीआई भगोड़ों को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन त्रिशूल’ के तहत तीन श्रेणी की रणनीति से काम लेती है। इसमें इंटरपोल की सहायता से विदेशों में अपराधियों और अपराध की आय का पता लगाया जाता है और उन्हें वापस लाया जाता है।

ये है ऑपरेशन त्रिशूल की तीन रणनीतियां

1: ऑपरेशन त्रिशूल की पहली रणनीति के तहत जांच एजेंसी इंटरपोल की सहायता से एक भगोड़े का पता लगाती है। फिर उस वांटेड शख्स की उस देश से निर्वासन या प्रत्यर्पण की मांग करती है जहां वह छिपा होता है।

2: दूसरी रणनीति के तहत सीबीआई वित्तीय अपराधियों द्वारा अपराध की कमाई के फैलाव की पहचान करने के लिए इंटरपोल तंत्र – स्टार ग्लोबल फोकल प्वाइंट नेटवर्क, वित्तीय अपराध विश्लेषण फाइलें और अन्य चैनल भी जुटाती है, ताकि अपराध की ऐसी आय को पुनर्प्राप्त (रिट्रीव) करने के लिए औपचारिक चैनलों के माध्यम से बाद के कदम उठाए जा सकें।

3: ऑपरेशन त्रिशूल तीसरी रणनीति होती है शेल कंपनियों, धोखाधड़ी लेनदेन, मनी म्यूल्स और विश्व स्तर पर स्थित सह-अभियुक्तों पर आपराधिक खुफिया जानकारी जुटाना और उनका समर्थन कर रहे नेटवर्क को खत्म करना। इससे संबंधित देश की कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को इंटरपोल के माध्यम से उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जा सके।

गौरतलब है कि, ऑपरेशन त्रिशूल (Operation Trishul) के तहत हाल ही में केंद्रीय सीबीआई को अपहरण और हत्या के आरोपों के तहत केरल पुलिस द्वारा वांटेड आरोपी को प्रत्यर्पण के जरिये सऊदी अरब से वापस लाने में कामयाबी मिली है। इंटरपोल की मानें तो भारतीय जांच एजेंसियां (Indian investigative agencies) ​​वैश्विक स्तर पर 276 भगोड़ों की तलाश कर रही हैं, जिनमें कुछ हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधी भी शामिल हैं।