Pipalravaan: देवास जिले (Dewas district) के समीप विंध्याचल पहाड़ी पर मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला (Tapobhoomi Devbadla) बीलपान में तीन दिवसीय मेला आरंभ हो गया है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह भगत जी व देवबड़ला (Tapobhoomi Devbadla) स्मारक इंचार्ज कुंवर विजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि ऋषि मुनियों की तपोभूमि देवबड़ला में आज गोरी अंबिके षोडशमत्री नवग्रह कलश की स्थापना कर बाबा विल्वेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक कर तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ हुआ।
आज की कथा में कथा वाचक सुश्री पूजा शर्मा पुंजापुरा बागली ने कहा कि ‘कर्म प्रधान विश्व करि राखा जो जस कर ही तस फल चाखा’ यानि इंसान को अपने कर्मों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर जीव को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है। महादेव का नाम लेकर सत्कर्म करते चलो बाकी सब महादेव पर छोड़ दो। हम जब भी महादेव के मंदिर में जाते हैं तो कहते हैं हर हर महादेव। हर यह हम क्यों कहते हैं क्योंकि महादेव सारे दुखौ को हरने वाले हैं। जो भी महादेव की शरण में सच्ची श्रद्धा से जाता है और महादेव की भक्ति करता है। महादेव स्वयं उसके सारे कष्ट हर लेते हैं और उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं। ऐसी अनेक बातें आज की कथा में बताई गई।