हिंसा के शिकार मणिपुर में अब हालात हो रहे पहले से बेहतर

मणिपुर के 11 ज़िलों में कर्फ्यू में 6 घंटे की ढील का आज दूसरा दिन है। आज से मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील बढ़ाई जाएगी।

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काफी दिनों से हिंसा के शिकार मणिपुर (Manipur) में अब हालात धीरे-धीरे बेहतर हो रहे है। मणिपुर (Manipur) के 11 ज़िलों में कर्फ्यू में 6 घंटे की ढील का आज दूसरा दिन है। आज से मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील बढ़ाई जाएगी। मंगलवार सुबह जब राजधानी इम्फाल के वेस्ट ऐंड ईस्ट ज़िलों में कर्फ्यू में ढील दी गई तो लोग ज़रूरी सामान ख़रीदने बाहर निकले। बाज़ारों में हालात सामान्य दिखे। मणिपुर (Manipur) में तीन मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य में हिंसा, लूट-पाट और आग़ज़नी के आरोप में 9 हज़ार से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। हिंसा में बेघर हुए 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों को आर्मी कैम्प्स में रखा गया है। मणिपुर के हालात ख़राब थे, इसलिए मणिपुर को देश के बाक़ी हिस्सों से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे जगह-जगह बंद है। इससे मणिपुर में ज़रूरी सामान की कमी हो गई थी, लेकिन अब सुरक्षा बलों की मदद से हाइवे खोला जा रहा है।

वहीं मणिपुर में हालात को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह वहां दौरे पर हैं। अमित शाह चार दिन के मणिपुर दौरे पर हैं। मणिपुर के बिगड़े हालातों पर गृह मंत्रालय ने सख्त निर्देश दिये हैं। अमित शाह ने कहा है कि, शांति बहाली के लिए हर जरुरी कदम उठाए जाएं। अमित शाह के मणिपुर दौरे का आज तीसरा दिन है। अमित शाह ने दो प्रमुख समुदायों मैतई और कुकी के नेताओं से भी मुलाक़ात भी की है। अमित शाह के साथ स्टेट होम मिनिस्टर नित्यानंद राय, होम सेक्रेट्री अजय कुमार भल्ला, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे भी मणिपुर में ही थे। मंगलवार को अमित शाह ने मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले का दौरा किया जहां सबसे ज़्यादा हिंसा हुई थी।

बता दे कि, 3 मई को चुराचांदपुर में एक रैली के दौरान ही सबसे पहले हिंसा भड़की थी। जब कुकी और नगा जनताजियों के मार्च पर डॉमिनेंट मैतई कम्युनिटी के हथियारबंद लोगों ने हमला बोल दिया था। अमित शाह ने मणिपुर के दो प्रमुख समुदायों मैतई और कुकी के नेताओं से भी मुलाक़ात की और दोनों पक्षों को समझाया, ताकि वो हिंसा का रास्ता छोड़ दें। अमित शाह ने हिंसा से प्रभावित समुदायों की महिलाओं से भी मुलाक़ात की। अमित शाह ने अधिकारियों से कहा कि, वो हिंसा प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरी सामान की सप्लाई बढ़ाएं। लोगों को भरोसा दें कि अब उग्रवादी संगठनों से कोई ख़तरा नहीं है।