उत्तराखंड के देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदी एक साथ मिलती है और एक मनोरम दृश्य पेश करती है। इन नदियों (rivers) के इस संगम को सास-बहु के नाम से भी जाना जाता है। जहाँ एक तरफ भागीरथी नदी पूरी रफ़्तार से शोर करती हुई बहती है, वहीं अलकनंदा नदी का स्वभाव काफी शांत होता है। अलकनंदा नदी के पानी का रंग हल्का आसमानी होता है इसके विपरीत भगीरथी नदी के पानी हरे रंग का पाया जाता है। और जब इन दोनों नदियों का पानी एक साथ मिलता है, तो वह बहुत ही मनोरम दृश्य होता है। सास-बहु के नाम से मशहूर ये नदियाँ (rivers) इस संगम के बाद गंगा नदी के नाम से जानी जाती है। ये दोनों नदियाँ अपनी अलग अलग खूबियों से पर्यटकों को आकर्षित करती है। देवप्रयाग में आप काफी कुछ देख सकते है इसके अलावा ये जगह अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी विश्वप्रसिद्ध है।
पहाड़ के आखिरी छोर पर स्थित है ये दुर्गम आशियाना
‘ इधर पहाड़, उधर खाईं’ की तर्ज पर आइसलैंड में स्थित एक घर पहाड़ के आखिरी छोर पर स्थित है। हालाँकि पहाड़ पर घर बनाना एक आम बात है, लेकिन एक ऐसा पहाड़ जिसकी ऊंचाई देखकर डर लगे उसके आखिरी छोर पर घर बनाना अपने आप में किसी रोमांच से काम नहीं। ये प्रॉपर्टी आइसलैंड में स्थित है और इसे ‘क्लिफरिट्रीट’ नाम से जाना जाता है। आइसलैंड के नाटकीय चट्टानों पर स्थित, यह परियोजना एक संवेदनशील परिदृश्य में वास्तुकला के सम्मिलन की जांच करती है जिससे, इसके निवासियों को साइट के साथ घनिष्ठ और शानदार अनुभव मिलता है।
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