यदि आप लिव.52 (Liv.52) नाम की दवा का सेवन करते हैं, तो यह ख़बर आपके लिए बहुत ज़रूरी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में लिव.52 (Liv.52) समेत कुल 32 दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रदेश भर में जिन-जिन आयुर्वेदिक दवाओं की शिकायत मिली थी, उनकी जांच आयुर्वेदिक विभाग ने की थी। इस जांच के दौरान 32 दवाओं में कमियां पाई गई। जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इन दवाइयों पर प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।
लिव.52 (Liv.52) एक ऐसी दवाई है, जिसका सेवन कई लोगों का द्वारा किया जाता है। इस दवा में मंडूर भस्म और दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया है। हिमालया नाम की कंपनी के इस उत्पाद का इस्तेमाल आम आदमी अपना लीवर ठीक करने के लिए करता है।
फ़िलहाल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, हिमालया के अधिकारी यूपी में आयुर्वेदिक विभाग के निदेशक के पास दवा में मिली कमी का स्पष्टीकरण लेकर पहुंचे हैं। पिछले साल दवा नियामक ने चार साल से कम उम्र के बच्चों में सर्दी से बचाव के लिए दिए जाने वाले ड्रग-कॉम्बिनेशन (दवाओं के संयोजन) के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी, तथा आदेश दिया था कि दवाओं पर उचित लेबल लगाया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी रॉयटर की एक ख़बर के मुताबिक, नियामक का कहना था कि नवजातों तथा शिशुओं में अस्वीकृत एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन के इस्तेमाल को लेकर उपजी चिंताओं के बाद विचार-विमर्श किया गया था, और नतीजतन उक्त आयु वर्ग के लिए उस ड्रग-कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल नहीं करने की सिफ़ारिश की गई। यह आदेश वर्ष 2019 से अब तक हुई कई बच्चों की मौत, जो अधिकारियों के अनुसार देश में बने ज़हरीले कफ़ सिरप से जुड़ी हैं, के बाद दिया गया था।