बारिश ने बरपाया कहर: प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से ली जानकारी; राहुल ने जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के कुछ इलाको में अत्यधिक बारिश से बिगड़े हालात का जायजा लिया है।

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Prime Minister

पूरे देश में मॉनसून बेहद एक्टिव हो गया है। इस दौरान भारी बारिश के कारण जहां देश के पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड तो वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश के कुछ इलाको में अत्यधिक बारिश से बिगड़े हालात का जायजा लिया है। उन्होंने इस बारे में वरिष्ठ मंत्रियों, अधिकारियों से बात की है। पीएमओ ने इस बारे में जानकारी दी है।

पीएमओ ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) को भारी बारिश के कारण बिगड़े हालात के बारे में जानकारी दी है। उन्हें बताया गया है कि स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपालों के संपर्क में हैं। उन्होंने स्थितियों का आकलन करने के लिए पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क किया है।

इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में भारी बारिश, भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे लोगों की मौत से दुखी हैं। उन्होंने जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा की।

इस दौरान उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य और लोगों की मदद करने की अपील की है। पूर्व पार्टी प्रमुख ने कहा कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत कार्यों में अधिकारियों की मदद करें। हम सभी को मिलकर इस प्राकृतिक आपदा की कठिन चुनौतियों का सामना करना होगा।

गौरतलब है कि भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से कई लोगो की जान चली गई है। वही लगातार बारिश के चलते उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और 12 ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं।