विपत्ति के समय लोग अपने आराध्य देव को याद करते हैं। आराध्य देव का नाम लेने के अलावा कई ऐसे मंत्र हैं, जो इंसान को किसी भी तरह के संकट से उबारने में मददगार साबित हो सकते हैं। यदि आपको भी किसी तरह का संकट या चिंता सता रही है, तो आप राम चरित मानस की चौपाइयों का सहारा ले सकते हैं। रामचरितमानस का पाठ करने से जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं। इन काव्य स्वरूप से आप राम लाला का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं जिस घर में रामचरितमानस का पाठ होता है, वहां कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। आइए जानते हैं उन चमत्कारी चौपाइयों व उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से।
किसी प्रकार की सिद्धि के लिए –
साधक नाम जपहिं लय लाएं।
होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।।
सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए-
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं।।
धन लक्ष्मी माँ की कृपा के लिए-
जिमि सरिता सागर मंहु जाही।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं।
धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।।
आनंद की प्राप्ति के लिए-
सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई।
लहहि भगति गति संपति नई।।
विद्या प्राप्ति के लिए-
गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।
ज्ञान प्राप्ति के लिए-
छिति जल पावक गगन समीरा।
पंचरचित अति अधम शरीरा।।
प्रीति में वृद्धि के लिए-
सब नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।।
परीक्षा में सफलता के लिए-
जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी।
कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।
मोरि सुधारहिं सो सब भांती।
जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।
विपत्ति से रक्षा के लिए-
राजिव नयन धरैधनु सायक।
भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।
संकट से रक्षा के लिए-
जौं प्रभु दीन दयाल कहावा।
आरतिहरन बेद जसु गावा।।
जपहि नामु जन आरत भारी।
मिंटहि कुसंकट होहि सुखारी।।
विघ्न विनाश के लिए-
सकल विघ्न व्यापहि नहिं तेही।
राम सुकृपा बिलोकहिं जेही।।