यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रधानमंत्री ने दिया भरोसा, पढ़ाई के लिया नहीं जाना होगा विदेश

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प्रधानमंत्री ने अचानक यूक्रेन से आये प्रयागराज के तीन छात्रों को वाराणसी मिलने के लिये बुलाया। तीनों छात्रों को लेकर जिला प्रशासन की टीम वाराणसी पहुंची। एयरपोर्ट पर पीएम ने प्रयागराज के जंघई बाजार के रहने वाले विशाल कुमार उमरवैश्य, रम्मन का पूरा सुलेम सरांय की रहने वाली रूचि पांडे व साकेत नगर धूमनगंज के रितिक दिवाकर से भी मुलाकात की। विशाल ने बताया कि पीएम ने हमें भरोसा दिलाया कि अगले 10 साल में देश में इतने मेडिकल कालेज खोले जाएंगे कि किसी भी भारतीय छात्र को विदेश में पढ़ाई करने के लिए नहीं जाना होगा। भारतीय छात्र भारत में रहकर और भारतीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे।

रूचि पांडेय ने बताया कि पीएम ने उनसे हाल चाल पूछा और यूक्रेन से यहां तक आने की जानकारी ली। उन्होंने पीएम से बताया कि बार्डर के पहले तक तो बहुत दिक्कत हुई, लेकिन बार्डर पार करने के बाद हमें जिस भी चीज की आवश्यकता हुई, वह हमें मिलती रही। रितिक ने बताया कि पीएम ने बहुत ही शानदार तरीके से हमारा अभिवादन किया। हम पहली बार उन्हें इतनी पास से देख और सुन रहे थे। उन्हें देखकर हम अभीभूत थे। बहुत अच्छा लगा रहा है कि उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने यूक्रेन से यहां तक के सफर के बारे में पूछता तो हमने उन्हें बताया कि किस तरह से हम बस पर तिरंगा लगाकर बढ़े तो हर पोस्ट पर हमें रास्ता दिया गया और हम बार्डर तक पहुंच गए। हालांकि छात्रों के भी कुछ सवाल थे, लेकिन समय न होने के कारण छात्र कुछ भी पूछ नहीं सके। हमें चिंता है कि हमारी डिग्री का क्या होगा, हमारे करियर का अब क्या होगा।

पीएम ने वहां फंसे छात्रों काे और अन्य बार्डर से जल्द ही निकालने और देश में वापस लाने का भी आश्वासन दिया है। छात्र-छात्राओं ने सरकार की ओर से मिली मदद पर खूब आभार जताया और कहा कि उन्हें इस संकट काल में तिरंगे और अपने देश की महत्ता दिखी। हमें गर्व है कि हम भारत के नागरिक हैं।