जहरीली शराब से मौतों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे कह दिया कि “जो पिएगा, वो मरेगा।” वहीं, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने इन मौतों को सत्ता संरक्षित नरसंहार करार दिया।
जहरीली शराब से मौतों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तो बुधवार को भी विधानसभा में शीत सत्र के दौरान जमकर कहासुनी हुई थी, लेकिन गुरुवार को यह मामला और भी ज्यादा रोचक हो गया। मुख्यमंत्री ने सीधे कह दिया कि “जो पिएगा, वो मरेगा।” वहीं, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने इन मौतों को सत्ता संरक्षित नरसंहार करार दिया। गुरुवार को राजद के भाई वीरेंद्र जहां जहरीली शराब से मौतों के लिए भाजपा पर जिम्मेदारी डाल रहे थे, वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और बगावती तेवर के कारण मंत्रीपद गंवाने वाले सुधाकर सिंह ने सरकार पर बड़ी चोट की।
इधर, सदन में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर सरकार के पक्ष में सदन चलाने और विपक्षी प्रतिनिधियों की बातें दरकिनार करने का आरोप लग रहा था और उधर सत्तापक्ष के ही विधायक सुधाकर सिंह ने सरकार की बोलती बंद कर दी। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को सब पता है और सत्ता के संरक्षण में ही सारण में नरसंहार हुआ है। ताली पीटते भाजपा विधायकों पर राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप मढ़ा कि सारण के जहरीली शराब कांड में भाजपा का ही हाथ है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा था कि “जो पीएगा वो मरेगा। जैसा कि आप जानते है कि बिहार में शराब के सेवन पर रोक है। लोगों को समझाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि जो गड़बड़ी कर रहा है, उसे पकड़िए। उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए। हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू की थी। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में बैठे जो लोग बिहार में इन मौतों पर पूछ रहे है, उनसे पूछिए कि जहां-जहां आपका शासन है, वहां कितने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं। बिहार में सबकी सहमति से शराबबंदी लागू हुई थी। आप भी शराब के खिलाफ अभियान चलाइए।