माह ए जिलहिज्ज का हो चूका दीदार, बकरीद की तारीख भी आई सामने

इस साल ईद उल-अजहा (Eid ul-Azha) यानी बकरीद (Bakrid) का त्यौहार 29 जून को मनाया जाएगा।

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Bakrid

माह ए जिलहिज्ज (Month of Zilhijj) के चांद का दर्शन भी हो चुका है और इसी के साथ बकरीद की दिनांक भी अब सामने आ चुकी है। इस साल ईद उल-अजहा (Eid ul-Azha) यानी बकरीद (Bakrid) का त्यौहार 29 जून को मनाया जाएगा।

लखनऊ में मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली (Maulana Khalid Rasheed Firangi Mahali) ने सोमवार को ऐलान किया कि, माह ए जिलहिज्ज का चांद नजर आ चुका है। वहीं सऊदी अरब में 28 जून को ईद उल-अजहा (Eid ul-Azha) मनाई जाएगी। मालूम हो कि बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है। ईस्लाम में इस दिन कुर्बानी का विशेष महत्व बताया गया है।

जाने ईद उल-अजहा का महत्व

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, जिलहिज्ज का महीना साल का अंतिम महीना होता है। इसकी पहली तारीख काफी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन चांद दिखने के साथ ही बकरीद या ईद उल-अजहा की तारीख का ऐलान किया जाता है। जिस दिन चांद दिखता है उसके दसवें दिन बकरीद का पर्व मनाया जाता है।

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, ईद-उल-अजह मीठी ईद के करीब दो महीने के बाद इस्‍लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने में मनाई जाती है। इस्लाम धर्म में बकरीद को बलिदान का प्रतीक माना जाता है। बकरीद पर जहां बकरों की कुर्बानी दी जाती है वहीं ईद-अल-फित्र पर सेवई की खीर बनाई जाती है।