देश का कानून ऐसा बने अफसर नेता और आम जनता में हो समानता

करोड़ों के भ्रष्टाचार की संपत्ति मिलने के बाद जप्त की जाए बेईमानो की संपूर्ण संपत्ति।

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लोकतंत्र के देश में अफसर नेता और आम जनता के बीच में समानता लाने की जरूरत है लेकिन अभी देश में नेता अफसर और आम जनता के बीच समानता नहीं दिखाई पड़ रही है। जहां कुर्सी पाते ही अफसर करोड़ो अरबो में खेलने लगते हैं और आम जनता को कीड़े मकोड़े समझते हैं। वही चुनाव जीतने के बाद नेता जनप्रतिनिधि घमंड में इस कदर से चूर हो जाते हैं उन्हें आम जनता से कोई मतलब नहीं होता है। चुनाव के समय मंच से बड़ी-बड़ी बात कर आम जनता को ठगने के लिए यह नेता निर्लज्जता छोड़कर बार बार चुनाव मैदान में आ जाते हैं अपनी पिछली बातों से ही इन नेताओं को मुकरने में तनिक शर्म संकोच नहीं लगता है लेकिन हकीकत यह है कि चुनाव जीतने वाले यह नेता आम जनता को केवल उपयोग की वस्तु समझते हैं।

इससे आम जनता का विकास नहीं हो रहा है। आम जनता दर-दर की ठोकर खा रही है। खुलेआम न्याय और कानून की धज्जियां उड़ रही है खुलेआम बहन बेटियों की आबरू लूटी जा रही है। हत्या लूट की घटनाओं से आम जनता परेशान है। अफसर नेता के गठजोड़ से आंकड़ों का खेल खेला जा रहा है। उसके बाद भी आम जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सरकार और अधिकारियों की तरफदारी करने से बाज नहीं आते हैं जिससे इन नेताओं की मक्कारी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

देश के कानून में बदलाव कर आम जनता नेता और अफसर को एक श्रेणी में ले जाने की जरूरत है। जिन नेताओं अफसर के पास कुछ वर्षों में अकूत संपत्ति अर्जित हुई है। उनकी जांच कराए जाने के बजाय उनकी संपूर्ण संपत्ति देश हित में जप्त कर उन्हें सबक सिखाए जाने की जरूरत है जैसे छोटे-छोटे मामलों में शिकायत होने के बाद बिना अदालत की कार्यवाही पूर्ण हुए आम जनता के घरों में योगी सरकार का बुलडोजर चलने लगा है वैसे ही अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले अफसर नेताओं के मामले में अदालत के कार्यवाही पूर्ण होने का इंतजार करना आम जनता के साथ नाइंसाफी होगी इन नेताओं अफसरो द्वारा भ्रष्टाचार से अर्जित की गई संपत्तियों के साथ देश हित में इन नेताओं अफसरो की संपूर्ण संपत्ति तत्काल जप्त किया जाए तभी नेता अफसर और आम जनता में समानता होगी।

रामराज की बात करने वाले योगी मोदी के सरकार में भी अफसरो नेताओं के भ्रस्ट कारनामों पर शिकायत के बाद भी जांच नहीं होती है जबकि योगी मोदी के सरकार में उनके नेता और अफसर की संपत्तियां अचानक बड़ी तेजी से बढ़ी हैं शिकायतें भी तमाम हुई हैं लेकिन शिकायतों पर कार्यवाही नहीं हुई है जिससे तेजी से अपराध बढ़े हैं आम जनता परेशान है कार्यालय में केवल मीटिंग के नाम पर काजू बादाम खाकर ठंडा पानी पीकर समय ब्यतीत किया जा रहा है।

अधीनस्थों के सहारे पूरी कानून व्यवस्था अफसर द्वारा चलाई जा रही है जनप्रतिनिधि इन अफसरो का समर्थन करते देखे जाते हैं और अधीनस्थ दोनों हाथ से वसूली में मशगूल दिखाई पड़ रहे हैं निम्न श्रेणी के कर्मचारी भी कुछ वर्षों में करोड़ों संपत्ति के मालिक हो गए हैं अवैध कमाई में मशगूल कर्मचारियों की तरफदारी करते अफसर नेता दिखाई पड़ते हैं जिससे अफसर नेता के इस रैकेट में शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता एक नेता का तो साला बीते 10 वर्षों से भ्रष्टाचार की कमाई में बड़े अफसरो से हिस्सा वसूली में शामिल है।

लोकतंत्र व्यवस्था में आम जनता को सर्वोपरि स्थान दिया गया है लेकिन अधिकारियों नेताओं के कार्यालय में फरियाद लेकर जाने वाली आम जनता के साथ अपेक्षा पूर्ण बर्ताव किया जाता है अफसर नेता एयर कंडीशनर रूम में बड़ी-बड़ी कुर्सियों में बैठकर बंद बोतल का पानी पीकर काजू बादाम खाते हैं और जनता उनसे मिलने के इंतजार में बाहर घंटो खड़ी रहकर अपनी फरियाद बताने के लिए बेचैन रहती है अफसर नेता के कार्यालय में आम जनता को बैठने के लिए स्थान नहीं दिए जाते हैं आखिर जब देश की जनता सर्वोपरि है तो फिर अफसर नेताओं के बराबर आम जनता को कार्यालय में सम्मान क्यों नहीं दिया जाता है।

आम जनता की फरियाद को सुनने के बाद उसके निस्तारण में तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है केवल समय सीमा के अंदर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की बयान बाजी अफसर और नेताओं द्वारा की जा रही है जमीनी हकीकत में समय सीमा के अंदर गुणवत्तापूर्ण शिकायतों का निस्तारण होता नहीं दिख रहा है योगी सरकार का आइजीआरएस पोर्टल तो केवल बकवास साबित हुआ है अफसर और नेताओं के गठजोड़ के चलते आम जनता को न्याय ना मिलने से अपराध बढ़ते जा रहे हैं देश की तस्वीर बदलनी है तो अफसर नेता और जनता में समानता लाना होगा।