कानपुर-लखनऊ लाइन की ट्रेनो मे दिन प्रति दिन बढती जा रही पुलिस वालो की गुंडागर्दी

दो पुलिस वाले कोच के अंदर बिना टिकिट लिए घुस गये और जब टिसी ने टिकट मांगा तो शुरु हुई बहसबाजी।

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यूपी के कानपुर से गुज़रने वाली ट्रेन नम्बर 19669 हमसफर एक्सप्रेस, जो उदयपुर से चल कर पाटलीपुत्र तक जाती है। वही वाया कानपुर-लखनऊ होकर चलती है। वही अब इस बीच इस ट्रेन से एक खबर निकल कर सामने आया है। बता दे कि इस ट्रेन मे सभी एसी कोच होते है अब मामला ये है की जब यह ट्रेन युपी मे प्रवेश करती है तो वही से पुलिस वालो की गुंडागर्दि चालू हो जाती है लेकिन कहा जाता है ना की तुम डाल- डाल तो हम पात – पात कानून को कानून से ही जीता जा सकता है।

दरअसल, यह मामला कानपुर से शुरु होकर लखनऊ तक चला जब दो पुलिस वाले कोच के अंदर बिना टिकिट लिए घुस गये और जाकर सीट पर बैठ गये और जब टिसी ने टिकट मांगा तो शुरु हुई टिसी और पुलिस वालो के बीच जबर्दस्त की बहसबाजी। जहाँ दो पुलिस वाले बिना आई डी कार्ड के बिना नेम प्लेट के कोच मे प्रवेश किया तो वहाँ मौजुद टिसी एफ के गौर ने उनसे टिकिट दिखाने की बात कही इन दोनो ने कहा हमारे पास टिकट नही है तो गौर साहब ने उनसे उनका आईडी कार्ड दिखाने को कहा दोनो ने कहा हमारे पास वो भी नही है तुम्हे जो करना है करो हम ना टिकिट देंगे ना आईडी कार्ड फ़िर गौर जी ने इनसे पुछा आप का नेम प्लेट कहा है तो जवाब मिला की हम नहीं लगाते है।

जिसके बाद एफ के गौर ने कहा आप अगले स्टॉप पर उतर जाये आपके लिए बेहतर होगा आप या तो अपना आईडी दिखाये या किसी अपने बड़े ऑफिसर से बात कराये या टिकट ले ले इतना सुनते ही दोनो पुलिस वाले आग बाबुला होकर एफ के गौर से कहा की अपनी औकात मे रहो तुम जानते नहीं हम कौन है तुम्हे अभी इसी वक्त इस चलती हुई ट्रेन से नीचे फेक देंगे और हमारा कोई कुछ नहीं कर पायेगा और हम यात्रा करेंगे इस पर बात आगे बढ़ गयी और दोनो पक्षों में वादविवाद बढ़ गया।

इतना ही नहीं बात हाथापाई पर उतर आया फिर वहाँ मौजुद यात्रियों ने मामले को शान्त करवा कर दोनो पक्षों को कोच से बाहर लाये और मामले को शान्त कराया गया बाद मे एफ के गौर ने तहरीर दिया है उस पर उचित कार्यवाही करे व उन्हे न्याय मिले तो क्या ये जरुरी है की कोई भी पुलिस वाले बिना आईडी कार्ड के बिना टिकिट, बिना नेम प्लेट,किसी भी ट्रेन मे, किसी भी यात्री की शीट पर बैठ कर यात्रा करे और जब उनसे रेलवे का कोई कर्मचारी आकर टिकट मांगे तो उसे ट्रेन के नीचे फेक देने की धमकी देना हाथापाई पर उतर आना ये कहा का न्याय है इन्साफ है इसके लिये रेलवे को कोई ठोस कदम उठाना चाहिये।