भगवान शिव के नाम समर्पित होता है, सावन के हर सोमवार का व्रत

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    सावन का महीना हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी ख़ास है। हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है। देवों के देव महादेव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। सावन महीने में भक्त शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं। इस महीने में शिवभक्ति के महत्त्व के बारे में ऋग्वेद में भी बताया गया है। जानिए सावन में सोमवार व्रत का क्या महत्व है और क्या है पूजा विधि –

    सोमवार व्रत का महत्व

    मान्यता है कि इस महीने में हर सोमवार के दिन शंकर भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। एक पौराणिक मान्यता है कि सावन मास के व्रत करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सावन के महीने में किया गया दान पुण्य और पूजन समस्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के सामान फल देने वाला माना जाता है। सावन सोमवार व्रत कुल वृद्धि, लक्ष्मी प्राप्ति और सुख सम्मान देने वाले होते हैं। इन दिनों में भगवान शिव की पूजा बेलपत्र से की जाती है, कहा जाता है कि बेलपत्र से पूजा करने से शिव जी भक्त की कामना जल्दी सुन लेते हैं।

    सावन सोमवार की पूजा विधि

    • इस व्रत की शुरूआत सोमवार के दिन जल्दी सुबह से हो जाती है।
    • सुबह उठने के बाद घर की साफ़ सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
    • ईशान कोण में भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें।
    • शिव जी की पूजा के साथ शिव परिवार की भी पूजा करें।
    • पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, पंचामृत, चन्दन, रोली, चावल, बेल पत्र, फूल और मेवा शामिल करें।
    • व्रत के दिन सोमवार व्रत कथा सुनें।
    • सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक किया जाता है।