कौशाम्बी: अखंड भारत की संकल्पना हर भारतीय के मन में बैठी महत्वकंक्षा है, जो यह सोच रखती है कि कैसे हम पुराने समय में अपने पूर्वजों द्वारा अखंड भारत क्षेत्र में फैली महान संस्कृति को पुनः एकत्रित कर इस महान संस्कृति को फिर से उसके स्वर्णिम काल में ले चले। उक्त बातें राष्ट्रवादी नेता वेद प्रकाश सत्यार्थी (Ved Prakash Satyarthi) ने ओसा स्थित जनकदुलारी डिग्री कॉलेज में अखंड हिन्द फौज द्वारा आयोजित समरसता भोज कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम का संयोजन अखण्ड हिंद फौज के दिलीप अग्रहरी ने किया।
इस मौके पर बोलते हुए वेद प्रकाश सत्यार्थी (Ved Prakash Satyarthi) ने कहा कि पूर्व में भारत देश सांस्कृतिक रूप से बहुत वृहद और विशाल था, जो हिमालय से शुरू होता था। यह वर्तमान ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया लाओस सहित लगभग एक दर्जन देशों तक विशाल रूप से फैला हुआ था। यही नहीं कि महान संस्कृति चीन जापान सहित इन सभी देशों में आज भी देखने को मिलती है, जहां गांव-गांव में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के आज अवशेष आज भी मौजूद है। इस मौके पर उन्होंने आजाद हिंद फौज के कमांडर सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेने की बात कहते हुए कही कि आजादी में आजाद हिंद फौज का अपना बड़ा योगदान था कि हम लोग 1947 में आजाद हो पाए। इस मौके पर अखंड हिंद फौज के कैडेट से बात करते हैं। उन्होंने कहा कि यह आजाद हिंद फौज के वीर सैनिकों का ही डर था कि वह तय समय से पहले 15 अगस्त 1947 में भारत छोड़ने को मजबूर हुए।
इस मौके पर वेद प्रकाश सत्यार्थी (Ved Prakash Satyarthi) ने अखंड हिंद फौज के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरीके से कैडेट्स को सैनिक संयम व नियम सीखने का जो मौका वह दे रहे हैं। वह इन क्रेडिट के उज्जवल भविष्य के लिए मजबूत स्तंभ साबित होगा। जिसके दम पर यह अपने जीवन की बड़ी सी बड़ी कठिनाई को हराकर उस पर जीत साबित कर अपने को सफल बना पाएंगे। इस मौके पर अखण्ड हिन्द फौज के जिला कमांडर अनूप कुमार, इशिका, कमला देवी, बृजेश कुमार, निखिल कुमार, ज्ञान बाबू, हर्ष द्विवेदी, सुभाष कुमार, सुरेंद्र कुमार, पंचम लाल आदि मौजूद रहे।