ओडिशा के मंत्री की हत्या करने वाला ASI रह चुका है मानसिक रोगी

डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा कि गोपालकृष्ण दास ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ से पीड़ित रहा है।

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ओडिशा के झारसुगुडा जिले में राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नबा किशोर दास की कथित तौर पर सहायक पुलिस उप-निरीक्षक (एएसआई) गोपालकृष्ण दास द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जो “बाइपोलर बीमारी” के रूप में जानी जाने वाली स्थिति के लिए एक मनोवैज्ञानिक से उपचार प्राप्त कर रहे थे। गोपालकृष्ण दास, जो पहले मानसिक बीमारी पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उन्हें ब्रजराजनगर में एक पुलिस स्टेशन की कमान सौंपी गई। बेरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी के अनुसार, गोपालकृष्ण दास को “बाइपोलर डिसऑर्डर” था।

त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दास सबसे पहले आठ से 10 साल पहले मेरे क्लिनिक आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था और उसका इलाज चल रहा था। ” चिकित्सक ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या वह नियमित रूप से दवा ले रहा था। यदि दवाइयां नियमित रूप से नहीं ली जाती हैं, तो बीमारी फिर से पैदा हो सकती है। उसे मेरे पास आए एक साल हो गया है। ”विशेषज्ञों के अनुसार, ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के बर्ताव और मिजाज में अचानक अत्यधिक बदलाव आता रहता है। कभी वह अत्यंत खुश और कभी बहुत अवसाद में रहता है। इस बीमारी को काउंसलिंग समेत अन्य उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है।

गोपालकृष्ण दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है। उसने ब्रह्मपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था। और बाद में 12 साल पहले उसे झारसुगुड़ा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। झारसुगुड़ा के एसडीपीओ (अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी) गुप्तेश्वर भोई ने बताया कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक पर एक पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी। गोपालकृष्ण दास की पत्नी जयंती ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका पति मनोविकार के कारण दवा लिया करता था। जयंती ने कहा, ‘‘वह हमसे 400 किलोमीटर दूर रहता है, इसलिए मैं यह नहीं बता सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नही।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोपालकृष्ण दास को रविवार को मंत्री नब दास के दौरे के मद्देनजर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था। पुलिस ने बताया कि उसने कथित तौर पर गोलियां उस समय चलाईं, जब मंत्री एक स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक कार से उतरे और उनके समर्थक उन्हें माला पहना रहे थे। उसने बताया कि गोपालकृष्ण दास ने मंत्री को निशाना बनाते हुए दो गोलियां चलाईं, लेकिन एक ही गोली निशाने पर लगी। पुलिस ने बताया कि घटना के तुरंत बाद दास ने हवा में गोलियां चलाकर मौके से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।

भोई ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि एएसआई ने मंत्री पर गोली क्यों चलाई। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ, बैलिस्टिक विशेषज्ञ और अपराध शाखा के अधिकारियों सहित सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है और इस दल का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी रमेश सी डोरा कर रहे है। अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (27 शस्त्र कानून के साथ पढ़ा जाए) के तहत मामला दर्ज किया है।