बांस की नालियों से बना है बेंगलुरु एयरपोर्ट का टर्मिनल 2

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वास्तुकला का बेहतरीन नमूना पेश करता बेंगलुरु का केम्पेगौडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लोगो के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस हवाई अड्डे में बांस की नलियां का प्रयोग भरपूर मात्रा में किया गया है जो न केवल बेंगलुरु में टर्मिनल 2 की प्राकृतिक उपस्थिति को बढ़ाती हैं, बल्कि परियोजना के स्थिरता लक्ष्यों में भी योगदान देती हैं। कुल मिलाकर, लगभग.3,600 से अधिक पौधों की प्रजातियों, लटकते बगीचों, पैदल जंगल, झरनों और दिन में बिजली की लगभग नगण्य खपत के साथ, बेंगलुरु हवाई अड्डे का नया खुला टर्मिनल 2 एक चलने वाला उद्यान है। ये दुनिया का पहला और सबसे बड़ा हवाई अड्डा टर्मिनल है जो पूर्व- यूएसजीबीसी (यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) द्वारा प्लेटिनम LEED रेटिंग के साथ प्रमाणित है।

5000 करोड़ की लागत से बना है ये टर्मिनल

ये टर्मिनल 5000 करोड़ रूपए की लागत से बनकर तैयार किया गया है। पिछले साल नवंबर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 ने स्टार एयर और एयरएशिया के साथ इस साल जनवरी और फरवरी में टर्मिनल में आने के साथ अपना परिचालन शुरू किया है। इस टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय परिचालन 2023 के अंत तक शुरू होगा।

“बगीचे में टर्मिनल”

यह टर्मिनल हरित, आधुनिक, नवोन्मेषी और सबसे महत्वपूर्ण रूप से हरित और टिकाऊ है। दिन के समय टर्मिनल भवन के अंदर रोशनी की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे 24% बिजली की बचत होती है। इस टर्मिनल को बनाने का उद्देश्य शून्य कार्बन उत्सर्जन हवाई अड्डा हासिल करना है। बेंगलुरु हवाई अड्डे का टर्मिनल 2 दुनिया में अपनी तरह का पहला हवाई अड्डा है जो एक बगीचे की प्रतिकृति में बनाया गया है, इसे “बगीचे में टर्मिनल” के रूप में भी जाना जाता है। विमान के प्रवेश द्वार से लेकर बोर्डिंग गेट तक यह टर्मिनल अपने सभी यात्रियों को बगीचे में घूमने का अनुभव देगा।