अप्रैल और मई में इस चिलचिलाती गर्मी से लोगो को काफी राहत मिली है। आंकड़े के अनुसार पिछले 60 दिन में छह दिन ही गर्मी पड़ी है। शेष 54 दिन तापमान (Temperature) सामान्य से नीचे रहा। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि, लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते ऐसा हुआ है।
मई महीने में छह पश्चिमी विक्षोभ बने, जिसके चलते गर्मी कम रही। हालांकि, जून में भीषण गर्मी के साथ तापमान (Temperature) सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसके चलते हीट वेव की स्थिति बनेगी। मई के पहले दिन ही तापमान 22.2 डिग्री दर्ज किया गया था। तीन दिन ही तापमान 40 या 40 से ज्यादा रहा। अप्रैल में भी सिर्फ तीन दिन ही तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंचा।
वही डॉक्टर यूपी शाही का कहना है कि, अप्रैल और मई में राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों में भीषण लू का दौर शुरु होता है। लेकिन, वहां पर भी इस बार इसका असर नहीं दिखा। अप्रैल में पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर लू चली, लेकिन मई में यह नहीं दिखी। उत्तर एवं मध्य भारत के इलाकों में बारिश के चलते गर्मी का असर कम बना हुआ है।
बता दे कि, बुधवार को दिन में मौसम गर्म रहा, लेकिन शाम को फिर से बारिश शुरु हो गई। बारिश के बीच मौसम बेहद खुशनुमा हो गया। तेज हवा के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई। मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री व न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया है।
मौषम वैज्ञानिक ने कहा, मई माह में सबसे ज्यादा पश्चिमी विक्षोभ बने। इसके चलते मौसम अधिक गर्म नहीं रहा। ये स्थिति आगे आने वाले मौसम के लिए शुभ संकेत नहीं है। भीषण गर्मी के बाद ही अच्छे मानसून की संभावना रहती है। हालांकि, अभी तीन चार दिनों तक मौसम ऐसे ही बना रहेगा। तापमान (Temperature) में भी गिरावट के आसार है।
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