Surat: सूरत शहर के जहांगीराबाद विस्तार में स्थित ग्रीन ट्यूलिप रेसीडेंसी कैनाल रोड पर सोमवार को विजय महोत्सव (Vijay Sankalp Mahotsav) का एक विशेष कार्यक्रम किया गया। अयोध्या श्रीराम मंदिर के लिए, स्वर्गीय जगन नाविक पुत्र स्वर्गीय भोला नाविक मूल निवासी ग्राम पकड़ीं बुजुर्ग हरिवंशपुर घोसी मऊ जनपद उत्तर प्रदेश ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक दृढ़ संकल्प लिया था कि, जब तक प्रभु श्री राम जी का मंदिर नहीं बन जाएगा तब तक मैं स्नान नहीं करूंगा। लेकिन विधि के विधान को कौन बदल सकता हैं, जोकि 12 वर्ष समाप्ति के दौरान उनके पुत्रों के कर्मभूमि गुजरात के सूरत में जगन प्रसाद अपनी अंतिम सांसें लेते हुए स्वर्गवासी हो गए। लेकिन प्रभु श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा के पावन पर्व पर उनके पुत्र सुदर्शन नाविक, राम प्रकाश उर्फ फेकन नाविक, दीनानाथ नाविक ने अपने कर्मभूमि सूरत गुजरात में, विजय संकल्प महोत्सव (Vijay Sankalp Mahotsav) बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया।
कार्यक्रम में परिवारजनों एवं मित्रगण भारी संख्या में डॉक्टर आर एन नाविक, रामाश्रय निषाद, निलेश नाविक, जयेश नाविक, उपहार नाविक, शिवकुमार नाविक, विशाल नाविक, शैलेश नाविक, हीरेन नाविक, डंपी नाविक, संजय सिंह, राम लखन साहनी, प्रेमचंद निषाद, ओम प्रकाश यादव इत्यादि लोग उपस्थित रहे। इन लोगो ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
महोत्सव के अवसर पर पुत्रो ने पत्रकारों से वार्ता कर बताया
भारतीय संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि, पूर्वजों के संस्कार को आने वाली पीढ़ियों द्वारा आत्मसात किया जाता रहा है। अगर पिता धार्मिक रीतियों में रुचि रखता हो तो स्वभाविक हैं। उनकी संताने भी धर्म, संस्कृति, परम्पराओ को ग्रहण कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि मेरे पिता स्वर्गीय जगन नाविक, भोला नाविक तथा माता मुला देवी के संस्कार धर्म व आस्था से परिपूर्ण थे। उनके मरणोपरांत भी आज उनकी सन्ताने, उनके आदर्शो को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है।
उन्होंने बताया कि उनके सामाजिक कार्यो को आगे बढ़ाते हुए हम लोग गाँव के मुख्य द्वार पर गेट व मंदिर बनवाने तथा समाज के गरीब व असहायों की सेवा करने से पीछे नही हटे। अभी कुछ वर्ष पहले ही रामप्रकाश उर्फ फेकन ने ग्राम पकड़ी बुजुर्ग में अपनी पत्नी स्व पुष्पा देवी की स्मृति में भगवान के मंदिर का निर्माण कराया। उन्होंने ने बताया कि मेरे पिता, भगवान की भक्ति में ऐसा प्रण लिया कि जब तक मंदिर बन नही जाता तब तक स्नान नही किया। वे कारसेवक भी रहे। विधि का विधान देखिए ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। राम मंदिर निर्माण की यादें अपने दिल मे लिए 15-10-2012 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मरणोपरांत ही उनको स्नान नसीब हुआ।
प्राण प्रतिष्ठा के पर्व पर श्रीराम भक्त व कार सेवक जगन नाविक को याद करते हुए अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक पल की घड़ी में विजय संकल्प महोत्सव (Vijay Sankalp Mahotsav) का भव्य आयोजन किया गया।