आम आदमी पार्टी के नेता एवं निलंबित सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब 8 दिसंबर को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती दी है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब 8 दिसंबर को होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा था और उम्मीद जताई थी कि सभापति इस मामले में ‘सहानुभूतिपूर्ण’ रुख अपनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभापति इस आधार पर विचार कर सकते हैं कि वह एक युवा सदस्य हैं। इस तरह उनके निलंबन को खत्म करने का रास्ता निकल सकता है।
आप नेता राघव चड्ढा 11 अगस्त से राज्यसभा से निलंबित हैं। कुछ सांसदों ने राघव चड्ढा पर उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ने का आरोप लगाया था। जिनमें से अधिकतर सदस्य सत्तारूढ़ भाजपा के हैं। उस प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी।
यह आरोप लगाया गया था कि राज्यसभा सदस्य ने दिल्ली सेवा विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कथित तौर पर कुछ सदस्यों को प्रस्तावित समिति के सदस्यों के रूप में नामित किया था। इसके बाद यह दावा किया गया था कि कुछ सांसदों ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी थी।
सभापति ने इस शिकायत पर ध्यान देते हुए विशेषाधिकार समिति की जांच लंबित रहने तक राघव चड्ढा को सदन से निलंबित कर दिया था। आप नेता ने अपनी याचिका में कहा है कि अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने की शक्ति खतरनाक तौर पर ज्यादतियों और दुरुपयोग का जरिया बन सकती है। राज्यसभा ने 11 अगस्त को सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा राघव चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पेश किया गया एक प्रस्ताव पारित किया था।