सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा ली गयी नोटबंदी के फैसले को सही बताया है| सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं को रद्द कर दिया है| कोर्ट ने बताया कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को बदलने का कोई कारण नहीं है| उन्होंने कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार का सही था| ऐसे में ये फैसला बदला नहीं जा सकता है|
कोर्ट ने बताया कि, केंद्र सरकार ने नोटबंदी से पहले ही सभी महत्वपूर्ण विभागों के साथ बातचीत की थी| जिसके बाद ही केंद्र सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, साल 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा किया था कि अब से 500 और 1000 के नोटों की वैधता खतम की जा रही है और इसे बैंकों में जमा करने के लिए टाइम भी दी जा रही है|
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं को किया ख़ारिज
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है| सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के मध्य चर्चा हुई थी| तब जाकर इस नोटबंदी के फैसले का एलान हुआ था| इस तरह के फैसले लेने के लिए सही तरीका भी अपनाया गया था| नोटबंदी किसी एक का फैसला नहीं था|
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरबीआई के पास नोटबंदी करने का प्रभुत्व नहीं है| ऐसा केवल केंद्र सरकार ही कर सकती है| इसके लिए आरबीआई के साथ सलाह- मशवरा किया गया था| सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी और सभी याचिकाओ को खारिज कर दिया और पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया है|
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे यह घोषणा किया था कि, अब से 500 और 1000 के नोटों की वैधता समाप्त की जा रही है और इन नोटों को जमा करने की मोहलत भी दी जा रही है| केंद्र सरकार ने कालेधन के खात्मे के लिए इस फैसले को आवश्यक बनाया था| हालाँकि, उसके बाद 500 और 2000 के नए नोटों की भी छपाई होनी शुरू हो गयी थी|