Supreme Court: एक मजबूत लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है

केरल के न्यूज़ चैनल मीडिया वन पर बैन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया का कर्तव्य है कि वह सत्ता से सवाल पूछे और नागरिकों को वस्तुस्थिति से अवगत कराये।

0
68

मलयालम समाचार चैनल (Malayalam news channel) मीडियावन (MediaOne) को सुरक्षा कारणों से प्रसारण की मंजूरी देने से मना किए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से मलयालम समाचार चैनल (Malayalam news channel) मीडियावन (MediaOne) को राहत मिली है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मीडियावन (MediaOne) चैनल को सुरक्षा मंजूरी के अभाव में प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार करने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश को रद्द कर दिया है।

दरअसल, मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन (MediaOne) चैनल पर गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलने के कारण से केंद्र सरकार ने उसके प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत करने से मना कर दिया था, जिसको चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि, “एक मजबूत लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है। सरकार की नीतियों की आलोचना व अभिव्यक्ति की आजादी को प्रतिबंधित करने का आधार नहीं हो सकता। प्रेस की सोचने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। किसी मीडिया संगठन के आलोचनात्मक विचारों को प्रतिष्ठान विरोधी नहीं कहा जा सकता है। जब ऐसी रिपोर्ट लोगों और संस्थाओं के अधिकारों को प्रभावित करती हैं, तो केंद्र जांच रिपोर्ट के खिलाफ पूर्ण छूट का दावा नहीं कर सकता है। लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को उठाया नहीं जा सकता।” मीडिया वन पर बैन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “मीडिया का कर्तव्य है कि वह सत्ता से सवाल पूछे और नागरिकों को हार्ड फैक्ट्स से अवगत कराए।”