Varanasi: पूर्व की परंपराओं के निर्वहन के क्रम में मंगलवार को नगवा में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। यह विशेष अनुष्ठान पहली बार वाराणसी (Varanasi) के रविदास घाट पर आयोजित किया गया। यह आयोजन नारायणी देवी शीतला माता के सेवक राजेंद्र यादव व गोलू यादव द्वारा कराया गया। इस दौरान हीरा भगत ने खौलते हुए खीर से स्नान किया।
आपको बता दें कि खौलते घी की कड़ाही से अपने नंगे हाथों द्वारा पूडी छानी गयी। इस अनुष्ठान में आए हुए दर्शनार्थियों को प्रसाद के रूप में खीर, पुरी और चना वितरित किया गया। वहीं इस विशिष्ट अनुष्ठान को देख कर आए हुए श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह गए। मान्यताओं के क्रम में महिलाओं द्वारा देवी गीत और पचरा गीत भी गाया गया। इसके उपरांत भंडारे का भी आयोजन हुआ।
इस पूजा को लेकर आयोजको का अपना तर्क होता है। उनका कहना है कि विश्व व समाज के कल्याण के लिए यह पूजा करायी जाती है। यादव समाज के लोग प्रभु श्रीकृष्ण व उनके भाई बलदाऊ को खुश करने के लिए यह पूजा करते है। मां भगवती को खुश करने के लिए भक्त खौलते खीर से स्नान करते हैं। वहीं करहा पूजन कर रहे हीरा भगत का कहना है कि जिस तरह से भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा कर अपनी लीला दिखायी थी, उसी तरह यह पूजा भी होती है। आरती के साथ अनुष्ठान की शुरूआत की जाती है। साथ ही मंदिर में चारो तरफ ढोल-नगाड़े बजते रहते हैं।