सोनभद्र: नाबालिक का अपहरण करना युवक को पड़ा महंगा, 7 साल की मिली सजा

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र (Sonbhadra) में न्यायालय की तरफ से एक आरोपी को नाबालिक का अपहरण करने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ-साथ ₹25000 का आर्थिक दंड भी लगाया गया।

मां की तहरीर के बाद आरोपी को मिली सजा

सोनभद्र (Sonbhadra)जिले में 25 अप्रैल 2017 की सुबह मे शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से एक नाबालिक अचानक गायब हो गई। काफी तलाश के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला। तब उसकी मां ने 05 मई, 2017 को शाहगंज थाने पहुंचकर तहरीर दी। शक जताया कि उसकी बेटी को गायब करने में नागेश्वर का हाथ है। अपहरण का मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की तो शक सही निकला। पीड़िता की सकुशल बरामदगी करने के साथ ही, आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया। इसके बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत में दोषसिद्ध पाए जाने पर दोषी को सात वर्ष कैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।

आरोपी पर लगाया गया ₹25000 का आर्थिक दंड

अपहरण वाले मामले की अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की और कोर्ट के सामने पेश किए गए तथ्यों, अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर नागेश्वर पुत्र रामा निवासी दुगौलिया, थाना शाहगंज को दोषी पाया गया और उसे सात वर्ष की कैद तथा 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड जमा होने के बार पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।