यूपी के सोनभद्र (Sonbhadra) में 14 साल की नाबालिक लड़की के साथ दो महीने तक एक व्यक्ति के द्वारा डरा धमका कर दुष्कर्म किए जाने के मामले में न्यायालय में फैसला सुना दिया है। आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई।
न्यायालय से नाबालिक को मिला इंसाफ
सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में 14 वर्षीय नाबालिग के साथ दो माह तक डरा-धमकाकर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। वाकया साढ़े चार वर्ष पुराना है। विंढमगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस प्रकरण की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। अधिवक्ताओं की दलीलों औ पत्रावली में उपलक्ष्य साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध पाया। इसके बाद सजा के मसले पर दोनों पक्षों की ओर से तर्क रखे गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने दोषी संतोष भुइयां को 20 वर्ष के कठोर कैद और एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए आदेश पारित किया गया। अर्थदंड जमा होने के बाद नियमानुसार 80 हजार की धनराशि पीड़िता को प्रदान कर दी जाएगी।
अभियोजन कथानक के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने विंढमगंज थाने पहुंचकर तहरीर दी थी। पुलिस को अवगत उसकी 14 वर्षीय बेटी के साथ सतीश भुईयां पुत्र रामनाथ भुईयां निवासी धूमा, थाना विंढमगंज लगभग दो माह से डरा-धमकाकर दुष्कर्म कर रहा है। उसने उसे परिवार वालों को इसकी जानकारी न देने की हिदायत दे रखी थी। ऐसा करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जब उसने रोते हुए अपनी मां को घटना के बारे में जानकारी दी, तब उसे पूरा प्रकरण मालूम हुआ।