रामपुर का स्नेकमैन, अब तक पकड़ चुका है 400 से ज़्यादा जहरीले सांप

वनकर्मी बेचू सिंह को वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्नेक मैन के नाम से पुकारा जाता है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सरीसृप प्रजाति में सांप ऐसा जीव है जिसको देखने भरते लोग डर से सिहर उठते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में 1800 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। जिनमें से 60 प्रजाति की सांप बेहद जहरीले होते हैं और इनके जहर की एक बूंद ही काफी होती है, जो चलते फिरते इंसान को मौत की गहरी नींद सुलाने के लिए लेकिन सबके बीच रामपुर के वन विभाग में एक ऐसा कमी भी है। जिसने अपने हुनर के बल पर लगभग 400 जहरीले सांपों का रेस्क्यू किया है और जिसे उनके विभाग के अधिकारी एवं कर्मी स्नेक मैन के नाम से पुकारते हैं।

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर उत्तराखंड की सीमा से सटा है यही कारण है कि कई विषैले सांप या तो नदियों में बह कर या किसी और कारणवश आ जाते हैं। कोबरा, करैत, वाइपर जैसे जहरीले सांप के पास जाना तो दूर उनको देखने भर से ही रूह कांप उठती हैं। अगर किसी को विषैले सांप की मौजूदगी का एहसास होता है तो वह ज्यादातर वन विभाग की मदद ही लेना पसंद करता है। सूचना मिलने पर ज्यादातर वनकर्मी बेचू सिंह को उसको पकड़ने या रेस्क्यू करने जिम्मेदारी विभाग की ओर से दी जाती है। जहरीले सांपों को पकड़ने में बेचू सिंह चंद मिनटों का ही समय लेते हैं।

वनकर्मी बेचू सिंह को वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्नेक मैन के नाम से पुकारा जाता है। वर्ष 2002 में जौनपुर के रहने वाले बेचू सिंह वन विभाग की सेवा में आए और कुछ समय बाद ही जहरीले सांपों को चंद मिनटों में अपने कब्जे में लेने का हुनर सीख लिया। वह अब तक लगभग 400 जहरीले सांपों के अलावा अन्य खतरनाक जीवो को सकुशल पकड़ चुके हैं यही कारण है कि उनके इस हुनर के चलते बड़े – बड़े अधिकारी उनकी इसी कार्यशैली के कायल हैं और उन्हें अब स्नेकमैन के नाम से पुकारा जाने लगा है।

डीएफओ राजीव कुमार के मुताबिक, वनकर्मी बेचू अब तक 400 जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें सब कुशल पकड़ चुके हैं। इन सबमे दिलचस्प बात यह रही कि अब तक उनके द्वारा तत्काल मौके पर पहुंच कर अपने कार्य को अंजाम देने की कला के चलते कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटित हुई है। विभाग को बेचू सिंह पर नाज है और यही कारण है कि उन्हें स्नेक मैन के नाम से जाना जाता है।