चीन में कोरोना से हालात बेकाबू वहाँ से लौटे यात्रियों पर कई देशो ने लगाए प्रतिबन्ध

चीन में कोरोना की लहर ने एक बार फिर से रफ़्तार पकड़ ली है| जहा भारत सहित दस देशो में कड़े प्रतिबन्ध लगाए जा चुके है|

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चीन में कोरोना की लहर एक बार फिर से बेकाबू हो गयी है| अब ऐसे में इस महामारी को देखते हुए चीन के यात्रियों के लिए भारत सहित कई देशो में कड़े प्रतिबन्ध लगा दिए गए है| हाल ही में इस सूचि में नया देश ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गया है| जहा चीन से पहुंचे यात्रियों के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट को आवश्यक कर दिया हैं| पिछले महीने, वुहान शहर में कोरोनो वायरस के पहली बार उभरने के तीन साल बाद, बीजिंग ने अचानक लॉकडाउन और सामूहिक परीक्षण की अपनी “जीरो कोविड पॉलिसी” को हटाना स्टार्ट कर दिया था| जिसके बाद से ही कोरोना की रफ़्तार तेज़ हो गयी| जहा आये दिन कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे है|

चीन से लौटे यात्रियों पर कई देशो ने लगाए प्रतिबन्ध

चीन के हॉस्पिटलों सहित वहाँ के कब्रिस्तान में इसकी लहर साफ देखी जा सकती है| हाल के दिनों में, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, स्पेन, जापान, दक्षिण कोरिया व ताइवान ने भी चीन से लौटे यात्रियों के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है| कनाडा ने नेगेटिव कोविड रिपोर्ट के लिए चीन में हाल के कोविड मामलों पर सीमित महामारी विज्ञान और वायरल जीनोमिक अनुक्रम डेटा उपलब्ध का हवाला दिया| इन सबके बिच मोरक्को ने भी चीन से सभी तरह के आगमन पर प्रतिबन्ध लगा दिया है|

अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा परिषद की यूरोपीय ब्रांच जो 55 यूरोपीय देशों में 500 से ज्यादा हवाई अड्डों का प्रतिनिधित्व करती है, उसने कहा कि प्रतिबंध उचित या जोखिम आधारित नहीं थे| यूरोपीय देश इस मुद्दे पर एक संयुक्त प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए मिल सकती है| आने वाले यूरोपीय संघ के अध्यक्ष पद धारक स्वीडन ने कहा कि संभावित प्रवेश प्रतिबंधों की शुरूआत के लिए पूरे यूरोपीय संघ के लिए एक आम नीति की डिमांड की जा रही है| इसी बीच, ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने रविवार को कहा कि वो मानवीय चिंताओं के आधार पर जरुरी मदद देने के लिएतैयार है| हालाँकि, यह नहीं बताया गया कि बीजिंग को किस प्रकार की मदद प्रदान की जा सकती है|

बता दे कि, चीन ने रविवार यानि 1 जनवरी को अपनी 1.4 अरब की आबादी में से 5,100 से अधिक कोरोना संक्रमण से सम्बंधित मौतो की जानकारी दी है, लेकिन यह आंकड़े जमीनी वास्तविकता से मेल नहीं खाते है|