मणिपुर में हालात हो रहे बेकाबू, आठ जिलों में लगा कर्फ्यू

हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू है। पूरे राज्य में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

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मणिपुर (Manipur) में हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। बुधवार को आदिवासियों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इसके बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू है। पूरे राज्य में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए। वही मणिपुर (Manipur) हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की मांग पर विचार किया जाए। चार महीने के भीतर केंद्र को इसकी सुझाव भेजने को कहा गया है। इसी आदेश के बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।

हर जगह आगजनी और हिंसा की खबर है। हालात को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे, लेकिन हिंसा नहीं रुकी। अब आर्मी और असम राइफल्स की 55 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। मणिपुर में हिंसा को देखते हुए सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर ‘देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है।

राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है। राज्य के इम्फाल पश्चिम, कैकचिंग थोऊबल, जिरिबाम, बिश्नुपुर, चूड़ाचंदपुर, कांगपोकपी और तेनग्नोउपाल में कर्फ्यू लागू किया गया है। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि, अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। प्रवक्ता ने बताया कि, करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया। वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है।

वही गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। बीरेन सिंह ने आज सुबह एक वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। गौरतलब है कि, मैतेई एक गैर-आदिवासी समुदाय है। यह मणिपुर (Manipur) की आबादी का 53 प्रतिशत हिस्सा है। ये मुख्य रूप से इस समुदाय के लोग मणिपुर घाटी में रहते हैं। पिछले 10 साल से ये समुदाय ST का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।