UP: सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) जिले में स्थित बुद्धकालीन टीलों को खनन माफियाओं ने बड़ा नुकसान पहुचाया है। यह बात सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ने इन टीलों के सर्वेक्षण के दौरान बतायी। पूरे मामले की बात करें तो महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के प्राम्भिक 29 वर्ष कपिलवस्तु क्षेत्र में गुजारे। जिसके चलते बड़ी संख्या में यहाँ के टीलों में बुद्धकालीन सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलती है।
कुछ महत्वपूर्ण जगहों को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित क्षेत्र घोषित करके उसकी सुरक्षा की व्यवस्था की, लेकिन अभी भी कई टीले संरक्षित क्षेत्र घोषित न होने के चलते इसके आसपास अवैध मिट्टी खनन करने वालो ने जेसीबी से यहाँ खनन कर डाला। जिसके बाद बचे टीलों में दो से तीन हजार वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष साफ साफ दिखने लगे। इसी बीच सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शरदेन्दु त्रिपाठी ने इन टीलों का सर्वेक्षण करके बताया कि यहाँ कुषाण कालीन ईट, मौर्यकालीन कुआँ आदि अभी भी है। इस जानकारी के बाद जिला प्रशासन जागा।
इस मामले को लेकर जब हमने एसडीएम से बात की तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि जिसने इस क्षेत्र में खनन किया है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाए। इन टीलों के संरक्षण हेतु पुरातत्व विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है।