सिद्धार्थनगर: कूड़ा निस्तारण या बीमारियों को दावत

लाखों खर्च के बाद निस्तारण तो दूर डम्पिंग की नहीं व्यवस्था।

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Siddharthnagar: कूड़ा निस्तारण हमेशा से एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिस पर सरकारें भी गंभीर हैं। बावजूद इसके कोई भी बहतर रणनीति नहीं दिखाई पड़ रही है, जिससे घरों से निकलने वाले कचरों का समुचित निस्तारण हो सके। ग्रामीण अंचल तो फिर भी ठीक है लेकिन शहरी क्षेत्र दिन-ब-दिन कूड़े का ढेर बनता जा रहा है, जिससे जहाँ एक तरफ गंभीर बीमारियों को न्योता दिया जा रहा है तो आम जनमानस को दुश्वारियां से भी दो-चार होना पड़ रहा है।

जनपद सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) की बात करें तो कूड़ा निस्तारण तो दूर कूड़ा डंपिंग ही बड़ी समस्या बनी हुई है। जितने भी शहरी क्षेत्र हैं उन क्षेत्रों के मुहाने से लेकर रिहायशी इलाकों में कूड़े का ढेर देखा जा सकता है, जो कहीं ना कहीं गंभीर बीमारियों को दावत देते दिखाई पड़ रहा है।

अब सबसे बड़ी बात यह है कि जब जानलेवा गंभीर बीमारियों को लेकर सरकार संवेदनशील है और दवाई वितरण से लेकर छिड़काव सहित बीमारियों से बचने के उपाय पर जागरूकता अभियान भी चला रही है। लेकिन बेतरतीब तरीके से यहां वहां लगाए गए कूड़े के ढेर सरकार के प्रयासों पर पानी फिरते दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसा नहीं है की शहरी क्षेत्र के लोकल अथॉरिटी द्वारा कूड़ा निस्तारण के प्रयास नहीं किये जा रहे। बिल्कुल किये जा रहे हैं लेकिन वह लूट खसोट तक ही सीमित है। कूड़ा निस्तारण के नाम पर, एमआरएफ सेंटर के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए जा रहे हैं लेकिन स्थिति मैं रत्ती भर भी सुधार होने के बजाय बद से बद्तर होती जा रही है।