रोशनी से जगमगा उठेगी श्रीराम की नगरी,दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत

इस बार रामलाल के अस्थाई मंदिर की आखिरी दीपावली है। ऐसे में इसको भव्य बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री के स्तर पर दिए गए थे। इसी क्रम में पूरे अयोध्या को सजाया संवारा जा रहा है।

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AYODHYA

प्रभू श्री राम की नगरी अयोध्या में सातवें दीपोत्सव की तैयारी बेहद खास तरह से की जा रही है, क्योंकि इस बार रामलाल के अस्थाई मंदिर की आखिरी दीपावली है। ऐसे में इसको भव्य बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री के स्तर पर दिए गए थे। इसी क्रम में पूरे अयोध्या को सजाया संवारा जा रहा है। राम की नगरी एक बार फिर दीप मालाओं से सजी होगी। त्रेता की अयोध्या की परिकल्पना साकार होते 11 नवंबर को नजर आएगी।

तीन दिवसीय दीपोत्सव का आगाज गुरुवार से हो रहा है। पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाने का काम अंतिम चरण में है। दीपोत्सव में भारत (India) के लोकसंस्कृति की झलक भी दिखेगी। दीपोत्सव में 24 राज्यों के करीब 2500 कलाकार अपनी संस्कृति की छटा बिखरेंगे। गुजरात का गरबा, केरल का कथकली, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा। 9 से 11 नवंबर तक भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिड़ला धर्मशाला, रामघाट व रामकथा पार्क में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

दीपोत्सव में चार देशों की रामलीला भी आयोजित होगी। रूस, श्रीलंका, नेपाल व सिंगापुर के रामलीला कलाकार अवध की धरती पर रामकथा का मंचन करेंगे। विदेशी रामलीला का शुभारंभ रामकथा पार्क में बृहस्पतिवार रात आठ बजे से होगा। वहीं साकेत महाविद्यालय में रामकथा आधारित झांकियां भी सजेंगी जिनका रिहर्सल 10 नवंबर को होगा।

बहुत सारे लोगों की इच्छा होती है कि वह अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में खुद शामिल होकर दीपदान कर सकें। किंतु विभिन्न कारणों से वह इसमें शामिल नहीं हो पाते। ऐसे लोगों के लिए पर्यटन विभाग ने होली अयोध्या एप लांच किया है। इस एप के माध्यम से आप देश-विदेश के किसी भी कोने से दीपक बुक करा सकेंगे।

प्रदेश सरकार हर साल की तरह इस बार भी अयोध्या के दीपोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए काम भी तेज गति से चल रहा है। इस बार भी 21 लाख दिये जलाकर पर्यटन विभाग विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहा है। इसी के साथ पर्यटन विभाग व अयोध्या जिला प्रशासन ने इस बार एक नया प्रयास भी किया है।

अवध में ब्रज के कलाकार राम-कृष्ण की धरती की संस्कृति, भाषा और शैली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। कुमार विशु भजन गंगा में स्नान कराएंगे। दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा, शैली/बोली व संस्कृति का भी अद्भुत संगम दिखेगा। एक तरफ जहां अयोध्या की 12 रामलीलाओं के कलाकारों को मंच मिलेगा तो वहीं सोनभद्र का आदिवासी नृत्य भी अलग छाप छोड़ेगा। आजमगढ़ के मुन्ना लाल व उनकी टीम धोबिया नृत्य, मथुरा के राजेश शर्मा व टीम मयूर नृत्य से मन मोहेगी। झांसी का राई नृत्य व राम-हनुमान सेना की झांकी भी आकर्षण बढ़ाएगी।