राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे शहनाई वादक दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना

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वाराणसी: धर्म की नगरी काशी के बनारस संगीत घराने को लगातार देश और विदेश में सम्मान और मान दिया जा रहा है। इसी क्रम में आगामी 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह बनारस घराने के शहनाई पुरोधा दुर्गा प्रसन्ना (Durga Prasad Prasanna) को आमंत्रित किया गया है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज उन्हें फोन द्वारा यह सूचना दी गई। दुर्गा प्रसन्ना का परिवार पीढ़ियों से शहनाई की विधा में अपनी छाप छोड़ रहा है। दुर्गा प्रसन्ना ने उनसे इस संबंध में बातचीत की है। पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश:

राम दरबार में प्रथम दिन हाजिरी लगने की बहुत खुशी है

काशी के शहनाई पुरोधा खजरान शास्त्री जी के पोते और सहतीराम शास्त्री के पुत्र दुर्गा प्रसन्ना ने बात की तो उन्होंने कहा कि ‘उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज से कल फोन आया और बताया गया कि आप को श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शहनाई वादन करना है। इस संबंध में अभी कोई लिखित आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन इस आमंत्रण के बाद रोम-रोम पुलकित हो उठा है। श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है। उनके 500 वर्षों के वनवास के बाद मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय मंगलध्वनि बजाना सुखद अनुभूति होगी।

विदेशों में भी है इस घराने की धमक

शहनाई वादक दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना (Durga Prasad Prasanna) ने बताया कि उनके दादा खजरान शास्त्री और पिता सहतीराम प्रसन्ना भी शहनाई वादक थे और शहनाई का ये हुनर उन्होंने हमें भी दिया। 7 साल की उम्र से दुर्गा शहनाई पर राग छेड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिता ने हमें शुरू से ही शहनाई में फूंक मारने और राग की ट्रेनिंग दी, जिसे हमने जवानी तक आते-आते पूर्ण रूप से आत्मसात कर लिया और शहनाई वादन के लिए पूरे भारत सहित पूरे विश्व में जा चुके हैं।

गुम नहीं हो रही शहनाई

जब दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना (Durga Prasad Prasanna) से पूछा गया कि शहनाई के उस्ताद भारत रत्न बिस्मल्लाह खां के जाने के बाद क्या शहनाई गुम हो गई है, तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि संगीत में सबसे कठिन साज शहनाई है। यह बैलेंसिंग, फूंक और पत्ती पर डिपेंड करता है। इसलिए इसे ज्यादा लोग नहीं अपना रहे हैं, लेकिन जो पुराने शहनाई वादक है, उनके घर के लोग शहनाई पर महारथ हासिल कर रहे हैं।