‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर शशि थरूर ने दी अपनी प्रतिक्रिया

शशि थरूर ने कहा, ऐसा कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है जिससे आप ऐसी प्रणाली लागू कर सकें।

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कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है जिससे ऐसी प्रणाली लागू की जा सके।

कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य बनने के बाद अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पहले दौरे पर यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल संसदीय लोकतंत्र पर आधारित मौजूदा प्रणाली के खिलाफ होगी। जहां सदन में बहुमत खोने पर पार्टियां सत्ता में बनी नहीं रह सकती हैं।

शशि थरूर (Shashi Tharoor)ने कहा, ‘ऐसा कोई व्यावहारिक तरीका नहीं है जिससे आप ऐसी प्रणाली लागू कर सकें।’ शशि थरूर ने आगे कहा कि ‘देश के मुख्य कार्यकारी का चयन संसदीय बहुमत और विधायी बहुमत से होता है और जैसे ही बहुमत जाता है। किसी भी कारण से, सरकार गिर जाती है। फिर कैलेंडर के अनुरूप नया चुनाव कराना होगा।’

उन्होंने कहा कि 1947 और 1967 के बीच, भारत में सभी राष्ट्रीय और राज्य चुनाव एक ही तारीख को होते थे, लेकिन 1967 में गठबंधन सरकार गिरने और कैलेंडर फिसल जाने पर यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई।