केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी पर 70 साल के शासन के दौरान पिछड़े वर्गों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी ने इस समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण का भी विरोध किया। नागरिक उड्डयन मंत्री ने शुक्रवार को ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगाया है।
उनकी यह टिप्पणी बिहार सरकार की जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई ‘जितनी आबादी, उतना हक’ (जनसंख्या के अनुपात में अधिकार) की वकालत के मद्देनजर आई है।
बिहार में हुए जाति सर्वेक्षण में पता चला कि अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) राज्य की आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं। बिहार के जाति सर्वेक्षण और उस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा, ‘इस पार्टी (कांग्रेस) ने 70 साल में पिछड़े वर्गों के लिए कुछ नहीं किया।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘जब मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान (पिछड़े वर्गों पर) एक आयोग की रिपोर्ट पेश की गई, तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया। जब वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया, तो कांग्रेस ने इसका भी विरोध किया।’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़े वर्गों के लिए काम कर रहे हैं। उनके मंत्रिमंडल में शामिल 60 प्रतिशत सदस्य इन्हीं समुदायों से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार है, जिसने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।
इसके आगे केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, ‘कांग्रेस चुनाव के समय एक नया मुद्दा उठाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसने अपने लंबे शासन के दौरान इन समुदायों के लिए कभी कुछ नहीं किया।’ उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) मध्य प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाएगी।