उत्तर प्रदेश में सात फरवरी से स्कूल-कॉलेज खुल रहे है। कोरोना संक्रमण में कमी को देखते हुए सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ कि, किस कक्षा तक के स्कूलों को शुरू किया जाना है। शुक्रवार को यूपी के गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐलान के बाद शनिवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा है कि, टीम-नौ की बैठक में इस पर फैसला किया जाएगा कि अभी किस कक्षा के छात्रों को विद्यालय बुलाया जाएगा।
सात फरवरी से खुल रहे स्कूल और कॉलेज
कोरोना केस में कमी को देखते हुए सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। स्कूल और कॉलेजों को अब फिर से शुरू किया जाए। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि, किस क्लास तक के स्कूलों को शुरू किया जाएगा। जल्द ही इसकी भी जानकारी हो जायेगी कि किस कक्षा तक के स्कूलों को ओपेन किया जाए।
दरअसल लगभग एक महीने से स्कूल और कॉलेज बंद है, जिसकी वजह से बच्चो की पढ़ाई में काफी नुक़सान हुआ है। उत्तर प्रदेश में दिसंबर के आखिरी हफ्ते में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। दिसंबर के पहले आखरी सप्ताह में प्राइमरी स्कूलों को बंद किया गया। उसके बाद जनवरी के पहले सप्ताह में 12वी तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया। इसके बाद एक-एक हफ्ते स्कूल बंद करने को लेकर सरकार इसे बढ़ाती रही। बता दें कि, 31 जनवरी को सरकार ने 6 फरवरी तक के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था।
गुरुवार को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के स्कूल को दोबारा खोलने की सलाह दी है। स्कूलों को फिर से शुरु करने के पीछे तर्क यह है की, काफी बड़े पैमाने पर बच्चों को कोविड का टीका लग चुका है। इसलिए अब फिर से स्कूल खोले जाने के बारे में सरकार ने विचार विमर्श किया है। हालांकि, इस दौरान स्कूलों और कॉलेजों में कोविड प्रोटोकॉल पालन करने की भी हिदायत दी गई है।
कोरोना गाइडलाइंस का करना होगा पालन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में अब कमी आ रही है। इसलिए स्कूल व कॉलेज को फिर से खोलने को लेकर सरकार विचार कर रही है। हालांकि, केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, स्कूलों और कॉलेजों को सैनिटाइज करके रखना होगा, और साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा, स्कूलों में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे जिसमे भीड़ इकट्ठा होती हो, क्योंकि अभी भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है, और मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा।