नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति से कराने की याचिका पर सुनवाई करने से SC ने किया मना

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वह इस मामले में दखल नहीं देगा। यह अदालत का विषय नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति से कराने की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वह इस मामले में दखल नहीं देगा। यह अदालत का विषय नहीं है। इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की है।

अदालत में दाखिल याचिका में कहा कि, राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं। संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि, देश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं। सभी बड़े फैसले भी राष्ट्रपति के नाम पर लिए जाते हैं। याचिका में कहा गया है कि, अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं।

अनुच्छेद 87 के तहत उनका संसद में अभिभाषण होता है, जिसमें वह दोनों सदनों को संबोधित करते हैं। संसद से पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनते हैं। इसलिए राष्ट्रपति से ही संसद के नए भवन का उद्घाटन करवाया जाना चाहिए।