सत्येंद्र जैन की मेडिकल कंडीशन पर अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की मेडिकल कंडीशन पर अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी।

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की मेडिकल कंडीशन पर अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी।

बता दें कि कोर्ट ने 26 मई को सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को चिकित्सा आधार पर छह हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। बता दे कि ईडी ने आम आदमी पार्टी के नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल 30 मई को अरेस्ट किया था।

एजेंसी ने सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद अरेस्ट किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को मेडिकल आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को मेडिकल रिपोर्ट अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू को सौंपने का निर्देश दिया। इनके जमा होने पर आज जमानत की अवधि बढ़ा दी गई।

उनकी जमानत से पहले ईडी ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। ईडी ने जवाब में कहा कि सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की अस्पताल से अपनी बीमारी के बारे में झूठी रिपोर्ट देने के लिए दिल्ली में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने एलएनजेपी अस्पताल की एक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी, जिसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

ईडी ने यह भी कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 से जुड़े मामलों में बीमारी के आधार पर जमानत तभी दी जाती है जब जान को खतरा हो। जांच एजेंसी ने अपने जवाब में आगे कहा, सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की स्वास्थ्य जांच ऐसे अस्पताल में की जानी चाहिए, जो दिल्ली सरकार के अधीन न हो।