मनोकामनाएं पूरी और जीवन के कष्टों को दूर करता है संकष्टी चतुर्थी व्रत

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संकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हिंदू विवाहित महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए इस दिन कठोर व्रत रखती हैं। यह त्योहार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल संकट चौथ 29 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा।

चूंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की मानी गई है इसलिए इस दिन खासतौर पर गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश जी को तिलकूट का प्रसाद चढ़ाया जाता है। उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में यह त्योहार खासतौर पर मनाया जाता है। संतान की सलामती के लिए इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को गणेश जी की कहानी सुनकर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को खोलती हैं।

महत्त्व

सकट चौथ का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। वहीं इस व्रत को संतान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। सकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र व खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि संकट चौथ का व्रत व इस दिन लंबोदर की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं और संतान की दीर्घायु और सुखद जीवन का वरदान प्राप्त होता है।

ऐसा माना जाता है कि जो बच्चे गंभीर रोग से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यदि मां इस दिन व्रत रखे तो लाभ मिलता है। वहीं यह व्रत बच्चों को बुरी नजर से भी बचाता है। इसके साथ ही जो मां अपने बच्चों के लिए इस दिन व्रत रखती हैं, वे बच्चे जीवन में कई तरह के संकटों से दूर रहते हैं।

मां द्वारा रखा जाने वाला यह व्रत बच्चों की शिक्षा में आने वाली बाधा को भी दूर करने वाला माना गया है। संतान पर भगवान गणेश की कृपा और आर्शीवाद बना रहता है। इस दिन भगवान गणेश को तिल, गुड, गन्ना और तिल का भोग लगाया जाता है।

पूजन-विधि

  • सकट चौथ पर गणेश जी की पूजा के लिए सुबह स्नान करें।
  • साफ कपड़े पहनें या तो मंदिर में जाकर गणेश जी की पूजा करें।
  • या फिर मिट्टी से गणेश जी बनाएं और पूजा करें।
  • भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें।
  • इस दिन गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाएं।
  • शाम को चंद्रमा को जल देकर व्रत समाप्त करें।
  • तिल और गुड़ का भोग लगाएं।
  • प्रसाद में गुड़ और तिल दें।