दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है। कांग्रेस पार्टी इस बिल के विरोध में थी, लेकिन पार्टी लाइन से हटकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत शीला दीक्षित के पुत्र और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को दोषी ठहराया और कहा कि उनके सत्ता संघर्ष और केंद्र के साथ व्यवहार के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय सेवाओं के नियंत्रण पर कानून तैयार हुआ।
विधेयक के राज्यसभा में पास होने के तुरंत बाद, संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी का सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ विवाद नहीं चल रहा होता तो, संसद में ऐसा विधेयक कभी पेश नहीं किया होता।
संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘एक समय था जब केंद्र और दिल्ली की पिछली सरकारों का दिल्ली में सेवाओं पर पारस्परिक नियंत्रण था। सब कुछ बढि़या चल रहा था, कभी कोई समस्या नहीं आई लेकिन दुर्भाग्य से, जब से 2014 में अरविंद केजरीवाल ने सत्ता संभाली, वह राजनीति करने लगे। वह सत्ता संघर्ष में उलझ गए। ऐसे में केंद्र ने अपने राजनीतिक हितों को सुरक्षित करने का ये तरीका निकाला है। यही कारण है कि केंद्र इस विधेयक को लेकर आया। अन्यथा, दिल्ली में इस तरह के विधेयक की कोई जरूरत नहीं थी।’
संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने आगे कहा, ‘विधेयक के पारित होने के साथ, आप सरकार अब दिल्ली के लोगों के लिए काम करने के बजाय ‘राजनीति’ का सहारा लेगी। अब, मैं केवल यह आशा कर सकता हूं कि अरविंद केजरीवाल अपने शेष कार्यकाल के दौरान शहर के विकास के लिए काम करेंगे। हालांकि, यह काफी संभावना है कि वह राजनीति का सहारा लेंगे और सेवाओं पर मसौदा कानून के पारित होने के बाद और ज्यादा राजनीतिक बयानबाजी करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में विधेयक पेश करने से पहले, कांग्रेस नेता ने कहा था कि केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ‘मूर्ख’ बनाया है। कांग्रेस उन विपक्षी दलों में शामिल थी, जिसने संसद में विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए आप को समर्थन दिया था। केंद्र ने पहले आप सरकार को सेवाओं का नियंत्रण सौंपने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अध्यादेश जारी किया था।