गोवा: एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) का SCO बैठक में दूर से ही नमस्ते कहकर स्वागत किया। दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। बिलावल भुट्टो-जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को गोवा पहुंचे और इसके साथ ही वह करीब 12 साल में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री बन गए है। यह 2011 के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है।
बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto-Zardari) ऐसे समय में एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिये भारत आए। जब सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन सहित कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच तनाव जारी है।
एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शाम को रूस, चीन, पाकिस्तान और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के लिए एक भव्य स्वागत समारोह की मेजबानी की। इसके साथ ही समूह के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। बेनौलिम में समुद्र के किनारे ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में आयोजित इस स्वागत समारोह में पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी भाग लिया।
हालांकि, बिलावल भुट्टो-जरदारी के साथ पाकिस्तान से आए कुछ अधिकारियों ने दावा किया कि, एस जयशंकर ने अन्य नेताओं की तरह अपने पाकिस्तानी समकक्ष से हाथ मिलाया, लेकिन भारत की ओर से इस बात को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई। वही बिलावल भुट्टो-जरदारी की गोवा की दो दिवसीय यात्रा के बारे में मीडिया में काफी चर्चा है, लेकिन भारतीय और पाकिस्तानी दोनों पक्ष एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए नज़र आये।
बिलावल भुट्टो-जरदारी ने संवाददाताओं से कहा, “मैं एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए गोवा पहुंचकर बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि एससीओ सीएफएम की बैठक सफल होगी।” बिलावल ने ‘सलाम, गोवा भारत से’ शीर्षक के साथ ट्वीट किया, “अस्सलामुअलैकुम, हम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए गोवा पहुंच गए हैं।” उन्होंने एक संक्षिप्त वीडियो में कहा कि, “मैं सबसे पहले रूसी विदेश मंत्री के साथ बैठक करूंगा। फिर उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ बैठक होगी। मैं सभी विदेश मंत्रियों के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल होऊंगा।”
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