माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में पुलिस हिरासत में हुई हत्या के बाद कई नेताओ के प्रतिक्रियाएं आने शुरू हो गए। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने सवाल खड़े किए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने रविवार को कहा कि, उत्तर प्रदेश में स्पष्ट ‘जंगलराज’ है। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा कि, 15 अप्रैल को उनकी आशंका सच साबित हुई। उन्होंने कहा कि, अतीक अहमद ने 29 मार्च को मीडिया के साथ अपने इंटरव्यू के दौरान दावा किया था कि उसे जेल से बाहर लाया जाएगा और उसकी हत्या की जाएगी। उसने यह भी बताया था कि एक पुलिस अधिकारी ने उसे इस तरह की प्लानिंग के बारे में जानकारी दी थी।
‘हत्यारों ने मीडियाकर्मी बनकर हत्या को अंजाम दिया’
आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि, “जब भी अतीक अहमद सार्वजनिक जगहों पर आता था, बड़ी संख्या में पुलिस बल उसे घेर लेता था। किसी भी मीडियाकर्मी के वहां पहुंचने का कोई मौका नहीं था। 15 अप्रैल को पुलिस ने अतीक अहमद और उसके भाई को पुलिस वैन से बाहर निकाला था। कुछ मीडियाकर्मी आसानी से वहां पहुंच गए और उनका इंटरव्यू लिया और हत्यारों ने मीडियाकर्मी बनकर हत्या को अंजाम दिया। उन्होंने आगे कहा कि, मीडियाकर्मियों को अतीक अहमद के करीब जाने की अनुमति दी थी, क्योंकि वह हिरासत में था।
‘अतीक अहमद 100 से अधिक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा था’
आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि, “अतीक अहमद 100 से अधिक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा था और ऐसी संभावनाएं थीं कि अदालत उसे फांसी की सजा देगी। अदालत के फैसले पर किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस तरह से हत्यारों को अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या करने का मौका दिया गया, इससे साबित हो गया कि उत्तर प्रदेश की सरकार कानून और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं करती। जिस राज्य में कानून और विधायिका के माध्यम से शासन नहीं किया जाता, उसे जंगलराज कहा जाता है। ऐसे राज्य में संविधान का अनुच्छेद 356 लागू करने का प्रावधान है।”